महाकाव्य निर्माल्य और स्वानुभूति का भव्य लोकार्पण समारोह संपन्न

  • Post By Admin on Sep 09 2024
महाकाव्य निर्माल्य और स्वानुभूति का भव्य लोकार्पण समारोह संपन्न

मुजफ्फरपुर : अखाड़ा घाट स्थित ठाकुर भवन में आयोजित एक विशेष साहित्यिक समारोह में ठाकुर विनय कुमार शर्मा के महाकाव्य निर्माल्य के द्वितीय संस्करण और ठाकुर संत कुमार शर्मा की काव्यकृति स्वानुभूति का लोकार्पण किया गया। इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित प्रसिद्ध साहित्यकार डॉ. संजय पंकज ने कहा, "महाकाव्य निर्माल्य शांत चित्त, स्थिर मन, कलाकार हृदय, निर्मल बुद्धि और आध्यात्मिक चेतना का अद्भुत प्रवाह है। यह एक विशिष्ट सृजन है जो कामना से कैवल्य तक की यात्रा को उन्नीस विकासात्मक सोपानों के माध्यम से प्रस्तुत करता है।"

डॉ. पंकज ने ठाकुर विनय कुमार शर्मा के व्यक्तित्व और कृतित्व पर चर्चा करते हुए कहा कि निर्माल्य अपनी विषयवस्तु और शिल्प सौंदर्य के कारण कालजयी होने की क्षमता रखता है। उन्होंने कहा, "यह महाकाव्य हिंदी साहित्य के महाकाव्यों की श्रृंखला में विशेष रूप से सम्मानित होने योग्य है। इसकी स्वप्निल कल्पनाशीलता, चिंतन की मौलिकता और शिल्प के अनूठेपन के कारण यह काव्य प्रेमियों को गहराई से प्रभावित करता है और उनके मानसिक उन्नयन में भी सक्षम है।"

उन्होंने यह भी बताया कि ठाकुर विनय कुमार शर्मा ओशो के दर्शन से प्रभावित थे, लेकिन उनके लेखन में भारतीय सनातन दर्शन की झलक भी स्पष्ट रूप से दिखाई देती है। 

इसके बाद, डॉ. पंकज ने स्वानुभूति काव्य संग्रह पर भी अपने विचार साझा करते हुए कहा, "कवि ठाकुर संत कुमार शर्मा की कविताएं समाज, जीवन, संघर्ष और समय की सार्थक अभिव्यक्ति हैं। यह कविताएं मानवीय संवेदनाओं को गहराई से व्यक्त करती हैं और पाठकों को आत्मनिरीक्षण के लिए प्रेरित करती हैं।"

इस लोकार्पण समारोह की अध्यक्षता उदय नारायण सिंह, डॉ. विजय शंकर मिश्र, आचार्य चंद्रकिशोर पराशर, देवेन्द्र कुमार, कन्हैया कुमार मिश्र, शुभ नारायण शुभंकर, ठाकुर संत कुमार शर्मा, ब्रजभूषण शर्मा और अशोक कुमार ने की। सभी ने कविताओं और साहित्यिक कृतियों के महत्व पर अपने भावोद्गार व्यक्त किए। 

कार्यक्रम की शुरुआत अतिथियों द्वारा कवि के चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित कर की गई। समारोह का संचालन शुभ नारायण शुभंकर ने किया।