स्वावलंबन से नेतृत्व तक : बिहार की जीविका दीदी दिखा रहीं बदलाव की राह

  • Post By Admin on Dec 19 2025
स्वावलंबन से नेतृत्व तक : बिहार की जीविका दीदी दिखा रहीं बदलाव की राह

पटना : इतने विशाल देश में हर किसी को नौकरी देना असंभव सा है, लेकिन केंद्र और राज्य सरकारें आज कई योजनाओं के जरिए लोगों खासकर महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने में जुटी हैं। इसी क्रम में बिहार में ‘जीविका दीदी’ न सिर्फ आत्मनिर्भर हो रही हैं, बल्कि अपने-अपने इलाकों में सीएम (कम्युनिटी मोटीवेटर) बनकर सैकड़ों महिलाओं को रोजगार की राह भी दिखा रही हैं। भागलपुर जिले के पीरपैंती, सबौर और जगदीशपुर प्रखंड से सामने आई कहानियां इस बदलाव की जीवंत मिसाल हैं।

भागलपुर के टाउन हॉल में आयोजित कार्यक्रम में बिहार के लीड बैंक यूको बैंक के एक्जीक्यूटिव डायरेक्टर विजय कुमार निवृति कांबले ने स्वरोजगार के लिए वित्तीय सहायता के महत्व पर एक हजार से अधिक ‘जीविका दीदी’ से भावनात्मक संवाद किया। इसी मंच पर पीरपैंती प्रखंड के हरदेवचक पंचायत की रेखा देवी ने अपनी संघर्ष गाथा साझा की।

इंटर पास रेखा देवी ने आईएएनएस से बताया कि हमें प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य प्रसंस्करण योजना (पीएमएफएमई) के तहत 4.40 लाख रुपए की सहायता मिली है। इस राशि से मसाला निर्माण का व्यवसाय शुरू किया, पैकेजिंग मशीन खरीदी और आज ऑर्गेनिक सत्तू, आटा, मसाला, पापड़, बड़ी, अचार और मशरूम का उत्पादन कर रही हूं। हम लोगों के पास पहले ज्यादा राशि नहीं थी, जब से काम शुरू किया है, तब से कुछ राशि आने लगी है।

सबौर की स्वर्ण संध्या भारती ने आईएएनएस से बात करते हुए कहा, "हम मशरूम की खेती कर रहे हैं। इससे हम लोगों को काफी फायदा हो रहा है। बिहार कृषि विश्वविद्यालय और कृषि विज्ञान केंद्र से प्रशिक्षण लेकर मशरूम उत्पादन शुरू किया था। इसके साथ ही प्रधानमंत्री रोजगार सृजन योजना (पीएमईजीपी) से 10 लाख रुपए की सहायता मिलने के बाद आज उनके घर का हर कमरा मशरूम उत्पादन का केंद्र है। पहले हम लोगों के पास नहीं था, लेकिन पीएमईजीपी की सहायता से आज हमारे अच्छे दिन वापस आ गए हैं।"

जगदीशपुर के पुरैनी गांव की फरहाना ने आईएएनएस से बात करते हुए कहा, "हम पहले कुछ नहीं करते थे, लेकिन जब से समूह में जुड़े और 50 हजार का लोन लेकर खुद का काम शुरू किया। आज हम अपनी खुद की सिल्क साड़ी बुनाई शुरू कर चुके हैं और आज ऑर्डर पर साड़ियां बनाकर कई परिवारों तक पहुंचा रहे हैं। मेरे साथ 150 महिलाएं जुड़कर काम कर रही हैं।" उन्होंने इस सहायता के लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को तहेदिल से धन्यवाद दिया।

यूको बैंक के ईडी विजय कांबले ने आईएएनएस को बताया कि महिलाओं को उद्यम के जरिए वित्तीय रूप से सशक्त करने से न सिर्फ परिवार, बल्कि पूरे समाज की सूरत बदल जाती है। बिहार में ‘जीविका दीदी’ सचमुच विकास की नई सीएम बनकर उभरी हैं।