भंडार से दिल्ली विश्वविद्यालय तक : विश्वजीत की उड़ान बनी जिले की पहचान

  • Post By Admin on Dec 10 2025
भंडार से दिल्ली विश्वविद्यालय तक : विश्वजीत की उड़ान बनी जिले की पहचान

लखीसराय : शिक्षा के क्षेत्र में नए कीर्तिमान स्थापित करते हुए लखीसराय ने एक बार फिर अपना परचम लहराया है। चानन प्रखंड के भंडार गांव निवासी विश्वजीत पाण्डेय का चयन देश के प्रतिष्ठित दिल्ली विश्वविद्यालय (DU) में पीएचडी शोधार्थी के रूप में हुआ है। यह उपलब्धि न केवल परिवार, बल्कि पूरे जिले के लिए गर्व का क्षण लेकर आई है।

विश्वजीत पाण्डेय, जो उमाकांत पाण्डेय के पुत्र हैं, ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा लखीसराय में पूरी की। उच्च शिक्षा के सफर में उन्होंने लगातार उत्कृष्ट प्रदर्शन किया। हैदराबाद विश्वविद्यालय से परास्नातक की डिग्री प्राप्त करने के बाद उन्होंने NET और JRF दोनों में सफलता हासिल की—जो उनकी अकादमिक प्रतिभा और मेहनत का प्रमाण है।

देशभर से आए हजारों आवेदनों के बीच चयनित होकर विश्वजीत ने दिल्ली विश्वविद्यालय में अपने शोधकार्य के लिए स्थान सुरक्षित किया है। वे 1975 के आपातकाल (Emergency) के दौरान भारतीय साहित्य की स्थिति, सामाजिक परिप्रेक्ष्य और साहित्यिक विमर्श पर शोध करेंगे। यह विषय भारतीय इतिहास, राजनीति और साहित्य के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण माना जाता है। उनके शोध से इस दौर की वैचारिक और सामाजिक समझ को नए दृष्टिकोण मिलने की उम्मीद है।

विश्वजीत की इस उपलब्धि से भंडार गांव और चानन प्रखंड में खुशी की लहर है। स्थानीय लोग, जनप्रतिनिधि, समाजसेवी और शिक्षाविदों ने उन्हें ढेरों शुभकामनाएँ दी हैं और उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना की है।

लखीसराय के लिए यह सफलता अत्यंत प्रेरणादायक है और निश्चित रूप से जिले के अन्य युवाओं को उच्च शिक्षा व शोध के क्षेत्र में आगे बढ़ने के लिए उत्साहित करेगी।