फेसबुक पर दोस्ती, परिवार का विरोध और थाने में बजरंगबली के मंदिर में प्रेमी जोड़े ने की शादी

  • Post By Admin on Mar 05 2025
फेसबुक पर दोस्ती, परिवार का विरोध और थाने में बजरंगबली के मंदिर में प्रेमी जोड़े ने की शादी

जमुई : जिले के बरहट थाने में मंगलवार की रात एक अनोखी घटना घटी, जब फेसबुक पर दोस्ती करने वाले एक प्रेमी जोड़े ने थाने में ही शादी कर ली। इस शादी में दिलचस्प बात यह थी कि परिजनों ने इस रिश्ते का विरोध किया था, लेकिन दोनों ने अपनी जिद के आगे हार न मानते हुए थाने में हिंदू रीति-रिवाज से शादी की। इस विवाह का स्थल थाने का बजरंगबली मंदिर था, जहाँ दोनों ने एक-दूसरे से अपना जीवन साथी बनाने का संकल्प लिया।

फेसबुक पर दोस्ती से बढ़ी प्यार की कहानी

यह कहानी मणिपुर के भूदानपूरी गांव के संदीप मांझी (20) और मटिया मोहनपुर गांव की सुहाना कुमारी की है। संदीप लखीसराय के एक कॉलेज में नर्सिंग की पढ़ाई कर रहे थे, जहां उनकी दोस्ती फेसबुक के माध्यम से सुहाना कुमारी से हुई। दोनों की बातचीत बढ़ी, फिर मोबाइल नंबर का आदान-प्रदान हुआ और धीरे-धीरे यह दोस्ती प्यार में बदल गई। एक साल तक दोनों का प्रेम संबंध चलता रहा और उनकी मुलाकातें भी बढ़ीं।

परिवार का विरोध और थाने में हुई शादी की पेशकश

जब संदीप के परिवार ने उसकी शादी के लिए किसी और जगह रिश्ता तय कर दिया, तो सुहाना को यह बिल्कुल भी मंजूर नहीं हुआ। उसने अपने प्यार को पाने के लिए एक साहसी कदम उठाया और सीधे बरहट थाने में जाकर शिकायत दर्ज कराई। सुहाना ने पुलिस से मदद की गुहार लगाई और संदीप से शादी करने की इच्छा जताई।

थानाध्यक्ष कुमार संजीव ने इस मामले को गंभीरता से लिया और दोनों पक्षों को थाने में बुलाया। इसके बाद एक लंबी बहस हुई, जिसमें परिजनों ने इस रिश्ते का विरोध किया। बावजूद इसके, दोनों ने अपनी शादी की जिद पकड़ ली। थानाध्यक्ष ने मामले को हल करने का प्रयास किया और अंततः थाने के ही बजरंगबली मंदिर में हिंदू रीति-रिवाज से उनकी शादी करवा दी।

परिवारों की सहमति से हुई शादी

शादी के बाद नवविवाहित जोड़े ने कहा कि वे एक-दूसरे से बहुत प्यार करते हैं और हमेशा साथ रहना चाहते थे। संदीप और सुहाना दोनों ने खुशी-खुशी साथ रहने का निर्णय लिया। थानाध्यक्ष ने मीडिया के सामने टिप्पणी करने से मना किया, लेकिन यह बताया कि दोनों परिवारों की सहमति के बाद इस शादी को वैध माना गया और कागजी प्रक्रिया पूरी कर उन्हें घर भेज दिया गया।

यह घटना इस बात का उदाहरण बन गई कि जब प्यार सच्चा हो, तो उसे किसी भी कठिनाई से कोई रोक नहीं सकता। परिवारों और समाज के विरोध के बावजूद, दोनों ने अपने रिश्ते को कायम रखा और एक दूसरे से शादी करने का फैसला किया।