बिहार राज्य विद्यालय रसोईया संघ (ऐक्टू) का चौथा जिला सम्मेलन संपन्न, रसोईयों के अधिकारों की उठाई मांग

  • Post By Admin on Dec 09 2024
बिहार राज्य विद्यालय रसोईया संघ (ऐक्टू) का चौथा जिला सम्मेलन संपन्न, रसोईयों के अधिकारों की उठाई मांग

मुजफ्फरपुर : रविवार को मुजफ्फरपुर के मुखर्जी सेमिनरी इंटर स्तरीय विद्यालय में बिहार राज्य विद्यालय रसोईया संघ (ऐक्टू) का चौथा जिला सम्मेलन सफलतापूर्वक आयोजित किया गया। इस सम्मेलन में जिले के 13 प्रखंडों से बड़ी संख्या में रसोईयों ने भाग लिया और विभिन्न मुद्दों पर अपने विचार व्यक्त किए।

सम्मेलन में मुख्य रूप से भाकपा माले केन्द्रीय कमिटी सदस्य और बिहार राज्य रसोईया संघ की राज्य महासचिव कॉ• सरोज चौबे ने केंद्र और राज्य सरकार की नीतियों की आलोचना की। उन्होंने कहा, “केंद्र की भाजपा सरकार और बिहार सरकार ने सार्वजनिक संपत्ति को बेचने, निजीकरण को बढ़ावा देने और महंगाई को बढ़ाने का काम किया है। 

इसके साथ ही, रसोईयों और स्कीम वर्करों से न्यूनतम मजदूरी पर काम लिया जा रहा है। ऐसे में हमें संगठित होकर संघर्ष करना होगा।” ऐक्टू के जिला सचिव मनोज कुमार यादव ने कहा, “जो सरकार रसोईयों और मजदूरों के लिए काम नहीं कर रही है हमें उस सरकार के खिलाफ संघर्ष करना होगा। हमारा लक्ष्य है कि रसोईयों को सरकारी कर्मी का दर्जा मिले और उन्हें उचित मानदेय दिया जाए।”

रसोईया संघ के जिला सचिव परशुराम पाठक ने कहा, “हम सभी प्रखंडों में रसोईयों का संगठन बनाकर लड़ाई को और बुलंद करेंगे। समय पर और 12 महीने मानदेय का मुद्दा प्राथमिकता पर रहेगा।” ऐपवा नेता रानी प्रसाद ने कहा, “सरकार महिला सशक्तिकरण का केवल नारा दे रही है, लेकिन वास्तविकता यह है कि कम पैसे पर काम लेकर उन्हें कमजोर किया जा रहा है।” 

सम्मेलन में रसोईयों ने अपनी समस्याओं को उजागर करते हुए कहा कि उन्हें समय पर मानदेय नहीं मिलता और कई स्कूलों में 6 महीने से अधिक का मानदेय बकाया पड़ा हुआ है। सम्मेलन के दौरान 31 सदस्यों की जिला कमिटी का चयन किया गया। लीला देवी को अध्यक्ष और परशुराम पाठक को सचिव चुना गया। 

इसके अलावा संजय कुमार दास, अयोधी लालदेव, लक्ष्मणेश्वर सहनी, अनीता देवी और सरिता देवी को सह सचिव, जबकि महाकांत झा, शंभू प्रसाद, पदधारी मंडल, नीलू देवी, रिंकू कुमारी और सुधा सिंह को उपाध्यक्ष चुना गया। सम्मेलन की शुरुआत में सरोज चौबे के नेतृत्व में एक जुलूस भी निकाला गया। 

जो रसोईयों के अधिकारों की ओर लोगों का ध्यान आकर्षित करने के उद्देश्य से था। सम्मेलन का समापन नारेबाजी के साथ हुआ। वहीं ऐक्टू के नेताओं ने भविष्य में रसोईयों के अधिकारों के लिए और भी सशक्त आंदोलन की रूपरेखा तैयार करने का संकल्प लिया।