महाकुंभ में नाव चलाकर कमाए 30 करोड़ रुपये, सीएम योगी ने की तारीफ
- Post By Admin on Mar 06 2025

प्रयागराज : जिले के पिंटू मल्लाह महाकुंभ में नाव चलाकर 30 करोड़ रुपये की कमाई करने के कारण चर्चा में हैं। पिंटू ने अपने परिवार के साथ मिलकर इस मौके का फायदा उठाया और महीनों की मेहनत के बाद ऐतिहासिक सफलता हासिल की। उनके काम को सीएम योगी आदित्यनाथ ने विधानसभा में भी सराहा है।
कुंभ मेले की तैयारी में परिवार का योगदान
पिंटू मल्लाह के परिवार में लगभग 100 लोग हैं और उन्होंने महाकुंभ की तैयारी कई महीने पहले से शुरू कर दी थी। उनके परिवार ने मिलकर 130 नावों को तैयार किया, ताकि इन नावों को चलाकर वे अच्छे पैसे कमा सकें। पिंटू ने अपनी मां के जेवर गिरवी रखकर इन नावों की तैयारी शुरू की थी, हालांकि उनकी मां को इस जोखिम को लेकर चिंता थी। लेकिन जब कुंभ मेला समाप्त हुआ और उन्होंने तगड़ी कमाई की, तो उनकी खुशी का ठिकाना नहीं रहा।
30 करोड़ रुपये की कमाई
पिंटू के अनुसार, उनके परिवार ने महाकुंभ के दौरान 45 दिनों में करीब 30 करोड़ रुपये कमाए। उन्होंने बताया कि उनके पास 130 नावें थीं और इन नावों को कुंभ में चलाकर उन्होंने भरपूर मुनाफा कमाया। पिंटू का कहना था कि उन्होंने श्रद्धालुओं से मनमाना किराया नहीं लिया, बल्कि सरकारी दरों के मुताबिक ही किराया लिया। हालांकि, कुछ श्रद्धालुओं ने स्वेच्छा से दान भी दिया।
नावों से अच्छी कमाई
पिंटू मल्लाह ने बताया कि एक नाव को बनाने में लगभग 50-60 हजार रुपये खर्च होते हैं। उन्होंने कहा कि एक नाव से दिन में 50 हजार रुपये से अधिक कमाए जाते थे। इस हिसाब से, एक नाव से महीने में लगभग 23 लाख रुपये कमाए जाते थे और 130 नावों के साथ उनका परिवार करीब 30 करोड़ रुपये कमाने में सफल रहा।
नाव किराए की दरें और परिवार की सफलता
कुंभ मेला के दौरान, एक आदमी का नाव किराया 483 रुपये निर्धारित था, लेकिन यात्रियों से 2000 से 4000 रुपये तक लिए गए थे। एक नाव में 10 लोग बैठ सकते थे और अगर एक यात्री से 1500 रुपये लिए गए, तो एक चक्कर में नाविकों को 15 हजार रुपये की आमदनी होती थी। पिंटू ने कहा कि उनके परिवार के पास 70 नावें थीं और बाकी परिवारों के पास भी 10-20 नावें थीं, जिससे पूरे गांव और नाविक समुदाय की आर्थिक स्थिति मजबूत हो गई।
सीएम योगी और पीएम मोदी का धन्यवाद
पिंटू मल्लाह ने कहा कि योगी आदित्यनाथ और नरेंद्र मोदी का धन्यवाद, जिनकी वजह से इतना बड़ा आयोजन हुआ और नाविकों को विशेष ध्यान दिया गया। उन्होंने यह भी कहा कि इस दौरान कमाई इतनी ज्यादा हुई कि उन्होंने कभी सपने में भी नहीं सोचा था। पिंटू के परिवार की इस सफलता ने न केवल उनका बल्कि पूरे प्रयागराज के नाविकों का जीवन बदल दिया है।