संविधान दिवस पर रामदयालु सिंह महाविद्यालय में संविधान की महत्ता पर परिचर्चा
- Post By Admin on Nov 26 2024

मुजफ्फरपुर : रामदयालु सिंह महाविद्यालय के स्नातकोत्तर इतिहास विभाग में 26 नवंबर, मंगलवार को संविधान दिवस के अवसर पर “संविधान की महत्ता” पर एक परिचर्चा का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में महाविद्यालय के छात्रों, शिक्षकों और विभागाध्यक्षों ने भारतीय संविधान की अहमियत और इसके योगदान पर चर्चा की। कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए विभागाध्यक्ष डॉ. एम एन रजवी ने कहा कि 26 नवंबर को भारतीय संविधान को अपनाया गया था और इस दिन को संविधान दिवस के रूप में मनाने का निर्णय सामाजिक न्याय मंत्रालय ने लिया था ताकि नागरिकों में संवैधानिक मूल्यों के प्रति जागरूकता बढ़ाई जा सके।
डॉ. रजवी ने डॉ. बी आर अंबेडकर को भारतीय संविधान का मुख्य वास्तुकार मानते हुए बताया कि संविधान देश की सामाजिक, सांस्कृतिक और धार्मिक विविधताओं को ध्यान में रखते हुए देश का मार्गदर्शन करने के लिए एक मजबूत और गतिशील ढांचा प्रदान करता है।
डॉ. ललित किशोर ने संविधान दिवस के महत्व को रेखांकित करते हुए कहा कि इस दिन का उद्देश्य नागरिकों में संविधान के प्रति सम्मान और जागरूकता बढ़ाना है। महाविद्यालय की प्राचार्य डॉ. अनिता सिंह ने कहा कि भारतीय संविधान ने हमें मौलिक अधिकारों के साथ-साथ मौलिक दायित्व भी दिए हैं।
उनका मानना था कि हमें अपने दायित्वों को जिम्मेदारी, ईमानदारी और मेहनत से निभाना चाहिए, ताकि हम एक सशक्त और जागरूक नागरिक बन सकें। कार्यक्रम में छात्र-छात्राओं ने भी अपने विचार प्रस्तुत किए। शिम्पी, सलोनी, अनीशा, बेबी, नंदिनी, गौतम, अनिकेत, अनुपम जैसे छात्रों ने संविधान के महत्व और इसके द्वारा दिए गए अधिकारों एवं कर्तव्यों पर चर्चा की।
कार्यक्रम के दौरान विभाग के अन्य शिक्षकों, डॉ. अजमत अली, डॉ. अनुपम कुमार, डॉ. ललित किशोर और डॉ. मनीष कुमार शर्मा ने भी संविधान की महत्ता पर प्रकाश डाला। इस अवसर पर इतिहास विभाग के स्नातक एवं स्नातकोत्तर के छात्र-छात्राएं मौजूद थे और कार्यक्रम को सफल बनाने में सक्रिय रूप से भाग लिया।