भाकपा का आरोप—अभियान के नाम पर उजड़ रहे हैं गरीब, भू-माफिया सुरक्षित

  • Post By Admin on Dec 10 2025
भाकपा का आरोप—अभियान के नाम पर उजड़ रहे हैं गरीब, भू-माफिया सुरक्षित

लखीसराय : भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा) ने जिला प्रशासन द्वारा चलाए जा रहे अतिक्रमण हटाओ अभियान को पूरी तरह पक्षपातपूर्ण और गरीब-विरोधी करार दिया है। पार्टी का कहना है कि प्रशासन बिना किसी वैकल्पिक व्यवस्था के फुटपाथी, रेहड़ी-पटरी दुकानदारों और गरीब तबके के छोटे व्यवसायियों को लगातार उजाड़ रहा है, जबकि दूसरी ओर बड़े भू-माफियाओं, प्रभावशाली राजनीतिक नेताओं और ताकतवर व्यापारिक घरानों द्वारा किए गए विशाल अवैध कब्जों पर प्रशासन मौन और निष्क्रिय है।

भाकपा ने कहा कि शहर के दर्जनों पोखरों, आहर-पईन, तालाबों, किउल नदी के किनारों, कैसरे-ए-हिंद भूमि, नेहरू पार्क, विद्यापीठ चौक और सरकारी आम-मशरफ जमीन पर वर्षों से चल रहे बड़े पैमाने के निर्माण और कब्जे प्रशासन की आँखों के सामने हैं। फिर भी, इन स्थानों पर बुलडोजर नहीं चलता, क्योंकि यहाँ प्रभावशाली लोगों की राजनीतिक पकड़ और संरक्षण है। इसे प्रशासनिक लाचारी और दोहरे मापदंड का स्पष्ट उदाहरण बताया गया।

इसके विपरीत, गरीब दुकानदारों के ठेलों और छोटी दुकानों पर अचानक की गई कार्रवाई, सामान तोड़ना-फोड़ना, भारी जुर्माने थोपना और बिना किसी पूर्व सूचना के उन्हें खदेड़ देना भाकपा के अनुसार मानवता और न्याय—दोनों के खिलाफ है। पार्टी ने यह भी आरोप लगाया कि कार्रवाई से पहले कुछ अधिकारियों द्वारा अवैध वसूली तक की जाती है और बाद में उन्हीं दुकानदारों को प्रताड़ित किया जाता है।

पार्टी ने जिला प्रशासन से मांग की है कि पहले शहर की सभी सरकारी और सार्वजनिक भूमि की पैमाइश कर पारदर्शी सूची जारी की जाए और जिसके आधार पर वास्तविक अतिक्रमणकारियों की पहचान कर निष्पक्ष कार्रवाई की जाए। भाकपा का कहना है कि गरीबों पर बुलडोजर चलाना आसान है, लेकिन प्रभावशाली अतिक्रमणकारियों के खिलाफ कार्रवाई ही प्रशासन की वास्तविक निष्ठा को साबित करेगी। साथ ही, रेहड़ी-पटरी दुकानदारों के विस्थापन से पूर्व उन्हें सुरक्षित और व्यवस्थित स्थान उपलब्ध कराना प्रशासन की जिम्मेदारी है।

भाकपा ने चेतावनी दी है कि यदि प्रशासन जनता विरोधी कार्रवाई बंद नहीं करता और समान कानून का पालन नहीं करता, तो पार्टी सड़क पर उतरकर जन-आंदोलन खड़ा करने के लिए बाध्य होगी। पार्टी ने साफ कहा कि अतिक्रमण संरक्षण और भ्रष्टाचार को किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा, क्योंकि न्याय की पहली शर्त है—सभी के लिए समान व्यवहार।