फर्जी दस्तावेजों के सहारे हासिल किए गए कोयला ब्लॉक, सीबीआई जांच में बड़ा खुलासा
- Post By Admin on Dec 11 2024

हजारीबाग : कोयला घोटाले की जांच में केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने बड़ा खुलासा किया है। जांच में पाया गया कि नागपुर स्थित अभिजीत इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड ने हजारीबाग में निजी जमीन की खरीद से संबंधित फर्जी दस्तावेज तैयार कर कोयला ब्लॉक हासिल करने की साजिश रची।
सीबीआई ने बताया कि इन जाली दस्तावेजों का इस्तेमाल कोयला ब्लॉकों के आवंटन के लिए इस्पात मंत्रालय की सिफारिश प्राप्त करने में किया गया था। इन दस्तावेजों में जमीन की खरीद, मशीनरी की खरीद और बैंकों के साथ वित्तीय गठजोड़ से जुड़े जाली कागजात शामिल थे। इस सिफारिश के आधार पर कोयला मंत्रालय ने 25 जून 2005 को बृंदा, सिसई और मेराल कोयला ब्लॉक कंपनी को आवंटित किए।
अभिजीत इंफ्रास्ट्रक्चर के अधिकारियों को कोर्ट ने ठहराया दोषी
सीबीआई की विशेष अदालत ने इस मामले में अभिजीत इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड के प्रबंध निदेशक मनोज कुमार जायसवाल और पूर्व निदेशक रमेश कुमार जायसवाल को दोषी करार दिया है। विशेष न्यायाधीश अरुण भारद्वाज ने कंपनी और उसके दोनों अधिकारियों को धोखाधड़ी, आपराधिक साजिश और जाली दस्तावेजों के इस्तेमाल के आरोप में दोषी ठहराया।
अदालत ने कहा कि फर्जीवाड़े के माध्यम से कोयला ब्लॉक हासिल करने के लिए अधिकारियों ने जानबूझकर गलत तथ्य प्रस्तुत किए और सरकारी प्रक्रियाओं का दुरुपयोग किया। दोषियों की सजा का ऐलान जल्द किया जाएगा।
कोयला ब्लॉक आवंटन में हुई अनियमितताओं से जुड़े इस मामले में सीबीआई ने कई कंपनियों और व्यक्तियों के खिलाफ जांच शुरू की थी। यह मामला यूपीए सरकार के दौरान कोयला ब्लॉक आवंटन में हुए घोटालों से संबंधित है जिसमें कई कंपनियों पर फर्जी दस्तावेजों के सहारे ब्लॉक हासिल करने का आरोप है।