सीतामढ़ी में 53वें जिला स्थापना दिवस समारोह की धूम, सेमिनार और मुशायरे का आयोजन

  • Post By Admin on Dec 11 2024
सीतामढ़ी में 53वें जिला स्थापना दिवस समारोह की धूम, सेमिनार और मुशायरे का आयोजन

सीतामढ़ी : सीतामढ़ी जिले का 53वां स्थापना दिवस समारोह आज डुमरा हवाई अड्डा मैदान में विधिवत रूप से शुरू होगा। इस दो दिवसीय समारोह का आयोजन बिहार सरकार के कला संस्कृति एवं युवा विभाग और जिला प्रशासन सीतामढ़ी के संयुक्त तत्वावधान में किया जा रहा है। उद्घाटन समारोह में जिला के वरिष्ठ अधिकारियों और स्थानीय नेताओं की उपस्थिति रहेगी।

समारोह की शुरुआत बीते सोमवार को उर्दू कार्यशाला, फरोग-ए-उर्दू सेमिनार और मुशायरे के आयोजन से हुई। कार्यक्रम की अध्यक्षता अनुवाद पदाधिकारी (उर्दू) शफी अहमद ने की। जबकि मंच संचालन प्रो. मसूद आलम उर्फ गौहर सिद्दीकी ने किया। इस अवसर पर एसपी मनोज कुमार तिवारी, अपर समाहर्ता कुमार धनंजय, डीएसपी मुख्यालय मो. नजीब अनवर और जिला औकाफ कमिटी के चेयरमैन गुलाम मुस्तफा उर्फ गौहर समी ने दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का उद्घाटन किया।

कार्यक्रम में एसपी मनोज कुमार तिवारी ने अपने संबोधन में कहा, “हमारी गंगा-जमुना तहज़ीब एक अनोखा उदाहरण है और इसका प्रभाव सीतामढ़ी में साफ दिखता है। यहां के लोग एक-दूसरे के दुख-सुख में सदैव समर्पित रहते हैं।” उन्होंने अनुवाद पदाधिकारी शफी अहमद को इस सफल कार्यक्रम के आयोजन के लिए बधाई दी।

उर्दू कार्यशाला और फरोग-ए-उर्दू सेमिनार में जिले के प्रसिद्ध शायरों ने अपनी प्रस्तुतियों से कार्यक्रम की रंगत बढ़ाई। शायरी की शाम में मो. जफर हबीबा, एम आर चिश्ती, प्रीति सुमन, पंकज करण, अबू नसर अफजल, हेमा सिंह, मो. नसीम अख्तर उर्फ फरहत साबरी, चांदनी समर, अजहर दिलकश, वसीम रजा, तारिक अनवर जैसे नामचीन शायरों ने अपने शेर, गज़लें और नज्मों की शानदार प्रस्तुतियां दी। इसके बाद कवि सम्मेलन का आयोजन भी किया गया। जिसमें सातीया नजमी, सादिया रिज़वी, मो. अली हुसैन और सफ़क रहमान ने अपनी नज्म और गज़ल पेश की।

कार्यक्रम में गोयनका कॉलेज के प्रो. डॉ. मो. सनाउल्लाह, उर्दू अदीब और साहित्यकार मो. कमर आलम उर्फ कमर मिस्बाही, मो. अलाउद्दीन रिज़वी, मदरसा रहमानिया मेहसौल के पूर्व अध्यक्ष मो. अरमान अली, मौलाना जियाउर रहमान कासमी, परवेज अंसारी, मौलाना मो. मोतीउर रहमान, मौलाना सैफुल्लाह, मो. तनवीर शम्सी, शाहिद मजहरी और कई अन्य प्रतिष्ठित साहित्यकार और शायर मौजूद थे।