लिट्टी-चोखा से राष्ट्रीय थालियों तक : शपथ ग्रहण में दिखा बिहार का फ़ूड डिप्लोमेसी

  • Post By Admin on Nov 20 2025
लिट्टी-चोखा से राष्ट्रीय थालियों तक : शपथ ग्रहण में दिखा बिहार का फ़ूड डिप्लोमेसी

पटना : बिहार के मुख्यमंत्री पद की शपथ ग्रहण समारोह को इस बार केवल राजनीतिक कार्यक्रम नहीं, बल्कि एक सांस्कृतिक उत्सव के रूप में सजाया गया। आयोजन समिति और राज्य सरकार ने गुरुवार को पटना में होने वाले समारोह के लिए मेहमाननवाज़ी और खानपान के स्तर को खासा ऊंचा रखा, जिसमें बिहार की पारंपरिक खुशबू और देशभर की विविधता दोनों की झलक दिखाई दी।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और लगभग दर्जनभर एनडीए/भाजपा-शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों की उपस्थिति को देखते हुए स्वागत व्यवस्था को विशेष रूप से तैयार किया गया था। गांधी मैदान में लगे हैंगर और ग्रीन रूम में मेहमानों को बिहार के मशहूर व्यंजनों से रू-ब-रू कराया गया।

स्वागत चाय के साथ निमकी, ढोकला, मठरी, बाढ़ की लाई और गुजिया जैसे लोकप्रिय स्नैक्स परोसे गए। इनकी तैयारी का जिम्मा एक निजी होटल को दिया गया था, जिसने बड़े मेहमानों की मौजूदगी को देखते हुए अपने स्टाफ को पहले ही अभ्यास करा लिया था ताकि कार्यक्रम के दौरान सर्विस में कोई देरी न हो।

समारोह का मुख्य आकर्षण रहा बिहार का प्रतीक स्वाद—लिट्टी-चोखा और मखाना खीर। होटल की कुकिंग टीम ने इन व्यंजनों को ऑथेंटिक पारंपरिक तरीकों से तैयार किया, ताकि आने वाले राष्ट्रीय मेहमानों को बिहार की खाद्य विरासत का असली स्वाद मिल सके। इसके अलावा कई अन्य बिहारी पकवान भी विशेष रूप से मेन्यू में शामिल किए गए।

मेन्यू में विविधता जोड़ते हुए आयोजन समिति ने उन राज्यों के लोकप्रिय व्यंजन भी तैयार करवाए, जिनसे वरिष्ठ नेता और मुख्यमंत्री पटना पहुंचे थे। उत्तर प्रदेश, दिल्ली, गुजरात, मध्य प्रदेश, हरियाणा, उत्तराखंड, ओडिशा, असम, अरुणाचल प्रदेश, आंध्र प्रदेश, महाराष्ट्र और मणिपुर की खास डिशें भी मेन्यू में थीं, जो समारोह को ‘पैन-इंडिया फूड फेस्टिवल’ का रूप देती दिखीं।

मेहमाननवाज़ी के इन्हीं व्यापक इंतजामों के साथ सुरक्षा और लॉजिस्टिक्स को भी उच्चतम स्तर पर रखा गया। गांधी मैदान और वीवीआईपी अतिथियों के ठहरने की जगहों के आसपास एम्बुलेंस, मेडिकल टीमें और इमरजेंसी सुविधाएं तैनात की गईं। मेहमानों के बैठने, रिसेप्शन तथा मूवमेंट के लिए भी विशेष प्लानिंग की गई।

बिहार सरकार की ये बहुआयामी तैयारियाँ यह संकेत देती हैं कि शपथ ग्रहण समारोह को राज्य ने केवल प्रशासनिक परिवर्तन का प्रतीक नहीं, बल्कि सांस्कृतिक सौहार्द और विविध भारतीय खानपान के उत्सव के रूप में पेश किया।