कठपुतली कला के माध्यम से शांति का अलख जगा रहे लोक कलाकार सुनील कुमार

  • Post By Admin on Jun 12 2023
कठपुतली कला के माध्यम से शांति का अलख जगा रहे लोक कलाकार सुनील कुमार

मुजफ्फरपुर : हिंसा और खून खराबा को समाप्त करने के उद्देश्य से सरला श्रीवास सामाजिक सांस्कृतिक शोध संस्थान के संयोजक व लोक कलाकार सुनील कुमार, बस्तर संभाग के अलग-अलग प्रखंडों में रंग बिरंगे कठपुतली के माध्यम से लोगों को जागरूक कर रहे हैं। दो महीने के शांति यात्रा पर निकले लोक कलाकार सुनील कुमार ने बताया कि शांति यात्रा की शुरुआत 15 अप्रैल से शुरू हुई है जो 15 जून को खत्म होगा।

लोक कलाकार सुनील कुमार छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में जाकर लोगों से मिल रहे हैं और उनसे सुख दुःख की बात करने के साथ ही बस्तर छत्तीसगढ़ में शांति कैसे आए इसको लेकर चर्चा कर रहे हैं। अभी तक मोहला मानपुर, कोंडागांव, नारायणपुर, बीजापुर, दंतेवाड़ा, कांकेर, जिले के अलग-अलग प्रखंडों में कठपुतली के माध्यम से अहिंसा के प्रति लोगों को जागरूक कर रहे हैं और बदले की भावना को त्याग कर आपस में भाईचारा का संदेश अपनी कला के माध्यम से पहुंचा रहे हैं।

सुनील कुमार  का मानना है कि हिंसा और टकराव से भरे बस्तर में शांति संभव है इसके लिए हम सभी को मिलजुल कर प्रयास करने की जरूरत है। हिंसा और खून खराबा छत्तीसगढ़ के विकास में बाधक है। छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में लोगों के मन से डर, भय व आक्रोश का समाप्त होना जरूरी है। नक्सल समस्या के कारण लोग अपने गांव को छोड़ कर दर दर भटकने के लिए मजबूर हैं। हिंसा को समाप्त करने के उद्देश्य से जगह जगह "चैकले मांदी" (सुख शांति) के लिए बैठक की जा रही है। उन्होंने कहा कि अंगुलिमाल डाकू था, लेकिन महात्मा बुद्ध ने अपने वार्तालाप के प्रभाव से उसका ह्रदय परिवर्तन किया और दस्यु प्रकृति से छुटकारा दिलाया। उसी भाव को सामने रख कर हमलोग बस्तर के निवासी को नक्सली समस्या से छुटकारा न मिलने के कारण और उसके समाधान प्रस्तुत करने की दिशा में प्रयास है कर रहे हैं। नक्सली को भय से नहीं, प्रेम से बदलने तथा शासन में बैठें लोग, जनप्रतिनिधि, बुद्धिजीवी समाज से कला के माध्यम से छत्तीसगढ़ में शांति स्थापना के लिए कला संस्कृति के माध्यम से हिंसा खत्म करने का आग्रह कर रहे हैं।