कारगिल के रणबांकुरे शहीद सुनील कुमार को सेना ने दी श्रद्धांजलि, परिजनों का बढ़ा मनोबल

  • Post By Admin on Jun 27 2025
कारगिल के रणबांकुरे शहीद सुनील कुमार को सेना ने दी श्रद्धांजलि, परिजनों का बढ़ा मनोबल

मुजफ्फरपुर : कारगिल युद्ध में देश के लिए प्राण न्यौछावर करने वाले वीर शहीद सुनील कुमार की वीरगाथा को आज एक बार फिर सलामी मिली, जब कारगिल सेक्टर से आई भारतीय सेना की चार सदस्यीय टीम ने उनके पैतृक आवास पर पहुंचकर श्रद्धांजलि अर्पित की। इस अवसर पर पूरा इलाका देशभक्ति के भाव से सराबोर हो गया।

सेना की विशेष टीम का नेतृत्व सूबेदार अमिताभ दास ने किया, जिनके साथ हवलदार राकेश कुमार ठाकुर, हवलदार रंजीत सिंह और हवलदार अजय कुमार मिश्रा मौजूद थे। शहीद की धर्मपत्नी मीना देवी को सेना द्वारा सम्मानित किया गया। इस दौरान सेना प्रतिनिधियों ने उनके बलिदान के प्रति कृतज्ञता व्यक्त करते हुए कहा कि शहीद सुनील कुमार जैसे जवानों की कुर्बानी ही आज भारत की सरहदों को सुरक्षित बनाए हुए है।

पूर्व सैनिक संघ ने दी गरिमामयी उपस्थिति

इस सम्मान समारोह में मुजफ्फरपुर पूर्व सैनिक संघ के कई वरिष्ठ सदस्य भी शामिल हुए। महासचिव नवल किशोर तिवारी, जिला उपाध्यक्ष अरविंद कुमार, रघुनाथ प्रसाद सिंह, नित्यानंद मिश्रा, प्रमोद कुमार ओझा, रजनीश कुमार ठाकुर, अंजनी कुमार, अमरेंद्र कुमार सिंह और पुरुषोत्तम ने अपने उद्बोधन में शहीद की वीरता को सलाम करते हुए कहा कि “देश अपने सपूतों को कभी नहीं भूलता।”

शहीद की पत्नी मीना देवी और पुत्र विवेक कुमार की मौजूदगी ने माहौल को भावुक बना दिया। विवेक ने कहा, “मेरे पिताजी का बलिदान देश के लिए था। आज जब सेना हमारे घर आई, तो यह अनुभव हुआ कि उनका बलिदान आज भी उतना ही प्रासंगिक और सम्मानित है।”

शहादत को मिली नई पहचान

पूर्व सैनिकों ने कहा कि यह सम्मान न केवल शहीद परिवार का हौसला बढ़ाता है, बल्कि आने वाली पीढ़ियों को यह संदेश भी देता है कि देश के लिए किया गया बलिदान कभी व्यर्थ नहीं जाता। कारगिल विजय दिवस को याद करते हुए पूर्व सैनिकों ने कहा कि यह केवल एक तारीख नहीं, बल्कि हर भारतीय के आत्मगौरव का प्रतीक है।

इस कार्यक्रम ने एक बार फिर यह साबित कर दिया कि भारत मां के सच्चे सपूतों को न तो देश भूलता है, न ही उनकी कुर्बानी को बिसराया जा सकता है। शहीद सुनील कुमार की शहादत प्रेरणा बनकर हमेशा जीवित रहेगी।