भूमिहीन गरीब परिवारों पर बुलडोज़र चलाने का फरमान अविलंब वापस ले प्रशासन: आफ़ताब आलम

  • Post By Admin on Sep 20 2025
भूमिहीन गरीब परिवारों पर बुलडोज़र चलाने का फरमान अविलंब वापस ले प्रशासन: आफ़ताब आलम

मुजफ्फरपुर : औराई विधानसभा क्षेत्र के कटरा प्रखंड के टेकवारा गाँव में पिछले 40–50 वर्षों से रह रहे भूमिहीन गरीब परिवारों को उजाड़ने और उनके घरों पर बुलडोज़र चलाने के आदेश के ख़िलाफ़ आज भाकपा-माले और खेग्रास के संयुक्त बैनर तले ज़ोरदार विरोध-प्रदर्शन हुआ। यह विरोध जिलाधिकारी कार्यालय के समक्ष एक दिवसीय धरना के रूप में दर्ज किया गया, जिसका नेतृत्व आरवाईए के राष्ट्रीय अध्यक्ष व माले के पूर्व प्रत्याशी आफ़ताब आलम ने किया।

धरना को संबोधित करते हुए आफ़ताब आलम ने कहा कि प्रशासन भाजपा विधायक के दबाव में गरीब परिवारों को उजाड़ने की साज़िश रच रहा है। उन्होंने स्पष्ट किया कि दशकों से सरकारी परती ज़मीन पर बसे इन परिवारों को अब तक पर्चा तक नहीं दिया गया। उल्टे तीन वर्ष पहले इसी भूमि पर मॉडल थाना बनवाया गया और अब बिजली पावर हाउस के नाम पर उन्हें बेघर करने की कोशिश हो रही है। आलम ने चेतावनी दी कि यदि प्रशासन ने बुलडोज़र चलाने की हिमाकत की तो इसका जवाब पूरे बिहार की जनता देगी।

भाकपा-माले औराई–कटरा प्रखंड सचिव मनोज कुमार यादव ने कहा कि गरीबों को उजाड़ने का यह फरमान "हिटलरशाही" है और इसे हर हाल में वापस लेना होगा।

खेग्रास के राज्य सचिव व माले राज्य कमिटी सदस्य शत्रुघ्न सहनी ने आरोप लगाया कि प्रशासन ने बिजली काटकर गरीबों की ज़िंदगी अंधेरे में धकेल दी, जिसके कारण हाल ही में विश्वनाथ राय की पोती को साँप ने काट लिया। उन्होंने कहा कि यह घटना भाजपा विधायक और प्रशासन की अमानवीय मानसिकता को उजागर करती है। भाकपा-माले जिला कमिटी सदस्य परशुराम पाठक ने कहा कि माले गरीबों की ढाल है और किसी भी कीमत पर उन्हें उजाड़ने नहीं देगी।

धरना स्थल पर मौजूद पीड़ित परिवारों ने भाजपा विधायक और सरकार पर "बुलडोज़र राज" थोपने का आरोप लगाते हुए कहा कि यह संघर्ष केवल टेकवारा गाँव का नहीं बल्कि पूरे बिहार की दलित–महादलित, वंचित और मेहनतकश जनता की लड़ाई है। इस मौके पर एक प्रतिनिधिमंडल ने जिलाधिकारी को ज्ञापन सौंपकर स्पष्ट चेतावनी दी कि यदि भूमिहीन परिवारों को उजाड़ने का आदेश वापस नहीं लिया गया तो इसका राजनीतिक और जनांदोलनकारी जवाब सरकार को भुगतना पड़ेगा। धरना को संबोधित करने वालों में आफ़ताब आलम, मनोज कुमार यादव, शत्रुघ्न सहनी, परशुराम पाठक, अमरेश राय, बटोही राय, विश्वनाथ राय, जुली देवी, देवो देवी, प्रमुख राम सहित कई लोग शामिल थे।