कवि गोष्ठी में शब्दों का उत्सव, जिला हिंदी साहित्य सम्मेलन के मंच से बही काव्य सरिता

  • Post By Admin on Dec 19 2025
कवि गोष्ठी में शब्दों का उत्सव, जिला हिंदी साहित्य सम्मेलन के मंच से बही काव्य सरिता

लखीसराय : शुक्रवार को जिले के प्रभात चौक स्थित एक निजी होटल के सभागार में जिला हिंदी साहित्य सम्मेलन, लखीसराय द्वारा पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के तहत एक भव्य कवि गोष्ठी का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता सम्मेलन के उपाध्यक्ष सिद्धेश्वर सिंह ने की, जबकि संचालन सचिव देवेंद्र सिंह ‘आजाद’ ने किया।

कवि गोष्ठी में जिले के ख्यातिप्राप्त कवियों एवं साहित्यकारों ने अपनी सशक्त रचनाओं के माध्यम से सामाजिक, सांस्कृतिक और राष्ट्रीय विषयों को प्रभावी ढंग से प्रस्तुत किया। देवेंद्र सिंह आजाद ने अपनी रचना “जब तक है यह गगन में चंदा और सितारे, सलामत रहे तब तक माता-पिता हमारे” से श्रोताओं को भावविभोर कर दिया। जीवन पासवान ने “थाना के आंगन में किसी याचक का अनादर ना हो” रचना के माध्यम से समान न्याय और सम्मान का संदेश दिया।

बलजीत कुमार ने रिश्तों के बदलते स्वरूप पर आधारित रचना प्रस्तुत की, वहीं अंकित सिंह वत्स की “शीत लहरी रे देह ठिठुरी” ने मौसम और संवेदना को स्वर दिया। सिद्धेश्वर प्रसाद सिंह ने नववर्ष को लेकर आशावादी रचना “नव वर्ष आएगा, उपलब्धियों का अंबार होगा” सुनाई। गुलशन कुमार सिंह ने देशभक्ति से ओतप्रोत कविता प्रस्तुत की।

मुंद्रिका सिंह की रचना “सारी दुनिया में आग लागल हो” ने समसामयिक राजनीति पर व्यंग्य किया, जबकि उदय शंकर कुमार ने हिंदी भाषा के गौरव को रेखांकित करते हुए कहा “हिंदी तो भारत की बिंदी है”। अरविंद कुमार भारती ने क्षमा और सद्भाव पर आधारित रचना प्रस्तुत की। प्रोफेसर मनोरंजन कुमार ने योग के महत्व पर प्रकाश डालते हुए उसे स्वस्थ जीवन का आधार बताया।

कार्यक्रम के अंत में धन्यवाद ज्ञापन मुंद्रिका प्रसाद सिंह ने किया। उपस्थित सभी कवियों और साहित्यकारों ने नवनिर्वाचित अध्यक्ष अरविंद कुमार भारती, सचिव जीवन पासवान एवं अन्य पदाधिकारियों को नए सत्र के लिए शुभकामनाएं दीं। कवि गोष्ठी साहित्यिक सौहार्द और रचनात्मक ऊर्जा के साथ सफलतापूर्वक संपन्न हुई।