पंकज मार्केट स्थित महिला सत्संग भवन में सात दिवसीय श्रीमदभागवत कथा का शुभारंभ
- Post By Admin on Dec 16 2024

मुजफ्फरपुर : जिले के पंकज मार्केट स्थित महिला सत्संग भवन में बीते सोमवार से सात दिवसीय श्रीमद भागवत कथा का भव्य शुभारंभ हुआ। इस धार्मिक आयोजन की शुरुआत आचार्य राजेश शर्मा के श्रीमुख से हुई। जिन्होंने व्यास पीठ से श्रीमद भागवत महापुराण की महिमा का वर्णन किया। इस अवसर पर भक्तों की भारी संख्या मौजूद रही। जो इस दिव्य कथा का लाभ लेने के लिए एकत्रित हुए थे।
कथा का उद्घाटन एवं महत्व
कथा के प्रारंभ में आचार्य राजेश शर्मा ने भागवत कथा के पहले श्लोक “सच्चिदानंद रूपाय विश्वोत्पत्यादिहेतवे, तापत्रय विनाशाय श्री कृष्णाय वयं नमः” का अर्थ स्पष्ट किया। उन्होंने बताया कि भगवान श्री कृष्ण ही इस संसार की उत्पत्ति, स्थिति और विनाश के कारक हैं और वे ही तीनों प्रकार के ताप आध्यात्मिक, आधिदैविक और आधिभौतिक को नष्ट करने वाले हैं।
आचार्य ने कथा के दौरान भक्तों को यह भी बताया कि भक्ति के दो पुत्र ज्ञान और वैराग्य हैं। जिन्हें महर्षि नारद ने भक्ति देवी के आग्रह पर भागवत कथा सुनाकर पुनर्जीवित किया। उन्होंने यह भी कहा कि जो व्यक्ति कथा के आयोजन में समर्पण भाव से हिस्सा लेता है उसके जीवन में सुख, समृद्धि और शांति आती है।
कलश यात्रा एवं पूजा अर्चना
कथा के शुभारंभ से पहले सुबह 9 बजे एक कलश यात्रा का आयोजन किया गया। जिसमें सैकड़ों भक्त शामिल हुए। इसके बाद गोविंद केजरीवाल, विष्णु अग्रवाल, कैलाश सिवनीवाला समेत अन्य प्रमुख व्यक्तियों ने सपरिवार व्यास पीठ की पूजा अर्चना की। इस अवसर पर उमा चेतन, रानी चेतन, शान्ति देवी, वंदना अग्रवाल, मंजू केजरीवाल, सुनीता सिवनीवाला, पंकज अग्रवाल, अरुणा मोटानी समेत अन्य श्रद्धालु उपस्थित रहे।
धार्मिक और सामाजिक दृष्टिकोण
आचार्य राजेश शर्मा ने इस कथा के माध्यम से जीवन के उद्देश्य और मानवता के सिद्धांतों को समझाया। उन्होंने कहा कि भागवत कथा के श्रवण से मनुष्य के जीवन में आत्मिक शांति और सच्चे सुख की प्राप्ति होती है। आचार्य ने समाज में भक्ति और वैराग्य के महत्व पर भी जोर दिया, जो व्यक्ति को जीवन के संघर्षों से उबारते हैं।
सात दिवसीय कार्यक्रम
यह सात दिवसीय भागवत कथा कार्यक्रम आगामी 22 दिसंबर तक चलेगा। जिसमें प्रत्येक दिन कथा, भजन और धार्मिक अनुष्ठान आयोजित किए जाएंगे। श्रद्धालु पूरे हफ्ते इस दिव्य आयोजन का लाभ उठाने के लिए महिला सत्संग भवन में मौजूद रहेंगे। भागवत कथा के इस आयोजन से ना केवल धार्मिक ज्ञान का प्रसार होगा, बल्कि सामाजिक एकता और भाईचारे की भावना को भी बल मिलेगा।