संतानों की दीर्घायु के लिए माताएं रखती हैं जीवित्पुत्रिका व्रत
- Post By Admin on Sep 21 2024

लखीसराय : माताओं द्वारा पुत्र के दीर्घायुष्य, आरोग्य और सुख-समृद्धि के लिए मनाया जाने वाला जीवित्पुत्रिका व्रत इस बार 25 सितंबर, बुधवार को हैं। यह व्रत आश्विन माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी को मनाया जाता है, जबकि सप्तमी अष्टमी तिथि पर इस व्रत को नहीं किया जाता हैं।
इस बार माताओं को 24 सितंबर, मंगलवार को नहाय-खाय के साथ व्रत की शुरुआत करने की सलाह दी गई है। पंडित गिरीश मिश्र ने बताया कि 25 सितंबर को माताएं निर्जला उपवास रखेंगी और 26 सितंबर, गुरुवार को सूर्योदय के बाद पारण करेंगी। अष्टमी तिथि 24 सितंबर को सुबह 05:53 मिनट से शुरू होकर 25 सितंबर को शाम 04:52 मिनट पर समाप्त होगी। धार्मिक मान्यता के अनुसार, व्रत के लिए उदय तिथि को मान्यता दी जाती है।
इस अवसर पर, माताएं सरगही कर सकती हैं, जिसमें अन्न का सेवन वर्जित है। सरगही के लिए फलाहार को सबसे उत्तम माना गया है। माताओं की यह श्रद्धा और समर्पण संतान के लिए दीर्घकालिक शुभकामनाओं का प्रतीक है।
जीवित्पुत्रिका व्रत न केवल धार्मिक महत्व रखता है, बल्कि यह माताओं के प्यार और उनकी चिंताओं को भी दर्शाता है।