सत्य अहिंसा के मार्ग पर चलकर ही होगा सभ्य समाज का निर्माण : सुश्री दीप्ति
- Post By Admin on Jun 17 2024
लखीसराय : श्री श्री 1008 नाग बाबा की पावन धरा बभनगामा में आयोजित हो रहे सात दिवसीय श्रीमद् भागवत कथा के दौरान बाबा विश्वनाथ की पावन नगरी से पधारे श्री श्री 108 योगी राज बाबा समाधि जी महाराज के सानिध्य में वृंदावन की सुप्रसिद्ध कथा वाचिका सुश्री दीप्ति भक्ति रस की अविरल धारा बहा रही हैं। श्री शेषनाग मध्य विद्यालय बभनगामा परिसर में सुशोभित भव्य पंडाल एवं यज्ञ मंडप शोभायमान हो रही है।
गुरुवार से प्रारंभ भक्ति कार्यक्रम के चौथे दिन प्रवचनकर्ता साध्वी सुश्री दीप्ती ने श्रद्धालुओं से अच्छे समाज की निर्माण करने के लिए सदा सत्य और अहिंसा के धार्मिक मार्ग पर चलने को कहा। जिससे अगला पीढ़ी भी अच्छे समाज के निर्माण में सकारात्मक भूमिका का निर्वाहन कर सके। भक्त प्रहलाद के भक्ति का अलौकिक वर्णन करते हुए कहा कि भक्त प्रहलाद अपने पिता हिरण्यकश्यप को मोक्ष दिलाने हेतु श्री नरसिंह भगवान से वरदान प्राप्त किया था। जिससे भगवान के हाथों सदगति प्राप्त कर मोक्ष की प्राप्ति किया।
एक अन्य कथा के दौरान समाज के लोगों को अपने परिवार में बच्चे का नामकरण भगवान के नाम पर रखने का अनुरोध किया। जिसका उदाहरण देती हुई अधर्मी अजामिल से संबंधित कथा का वाचन किया। जिसमें अजामिल के बेटा का नाम नारायण रखा गया था। जिससे मरते समय अपने बेटे का नाम पुकारने की वजह से उसे मोक्ष की प्राप्ति हुई। भक्तिमय कार्यक्रम के बीच में ही श्रीमन नारायण नारायण भजन की प्रस्तुति उपस्थित श्रद्धालुओं के साथ दिया गया। इस दौरान पूरा माहौल भक्तिमय वातावरण में डूब गया था।
इसके उपरांत श्री कृष्ण जन्मोत्सव का उत्सव धार्मिक कथा प्रवचन के साथ मनाया गया। जिसमें माखन मिश्री का भोग लगाया गया। अंत में महाआरती के उपरांत श्रद्धालु भक्तों के बीच माखन, मिश्री, हलवा का प्रसाद वितरण कर कार्यक्रम की समाप्ति हुई। श्री श्री 108 योगीराज समाधि बाबा के भजन की प्रस्तुति, कथा वाचक सुश्री दीप्ति की सराहनीय कथा प्रस्तुति में शास्त्रीय संगीत कलाकार रमेश, गिटार वादक ललन, तबला वादक दीपक और अमन, स्थानीय रामचरितमानस के कथा वाचक संत श्री नारायण सिंह जी आदि का भक्ति कार्यक्रम को सफल बनाने में सराहनीय योगदान देखा जा रहा है।
जबकि आयोजकों में किसान श्री मृत्युंजय सिंह, कृष्ण कुमार कन्हैया, गुलशन कुमार, राजू कुमार, सनातन कुमार, उत्तम कुमार, समाधि बाबा, रामायणी श्री नारायण सिंह संत जी के अलावे विपिन कुमार आदि का सराहनीय योगदान रहा।