2025 विधानसभा चुनाव में जातीय जनगणना के आधार पर मुस्लिमों को मिले टिकट : इंसाफ मंच
- Post By Admin on Dec 20 2024

मुजफ्फरपुर : बीते गुरुवार को जिला के हरिसभा चौक स्थित भाकपा-माले कार्यालय में आयोजित बैठक में इंसाफ मंच ने 2025 के बिहार विधानसभा चुनावों में जातीय जनगणना के आधार पर मुस्लिम समुदाय को टिकट दिए जाने की मांग की है। मंच का कहना है कि राज्य की 17.7% मुस्लिम आबादी के बावजूद क्षेत्रीय और राष्ट्रीय दलों ने इस समुदाय को राजनीतिक हिस्सेदारी से वंचित रखा है।
बैठक में इंसाफ मंच के जिलाध्यक्ष फहद ज़मां ने कहा, "मुस्लिम समाज ने हमेशा से विभिन्न दलों का समर्थन किया, लेकिन उन्हें उनकी जनसंख्या के अनुपात में प्रतिनिधित्व नहीं मिला। अगर यही चुप्पी जारी रही, तो हमें अपने ही देश में रिफ्यूजी से बदतर हालात में धकेल दिया जाएगा। मस्जिदों के सर्वे और वक्फ जायदादों पर कब्जे जैसी साजिशें इसी चुप्पी का नतीजा हैं।"
फहद ज़मां ने जातीय जनगणना के उद्देश्य पर सवाल उठाते हुए कहा, "राज्य सरकार ने 2023 में जातीय सर्वेक्षण कराया था, जिससे सभी वर्गों को लाभ पहुंचाने की बात कही गई थी। लेकिन मुस्लिमों के मामले में यह सर्वेक्षण महज दिखावा बनकर रह गया। राजनीतिक दलों ने लोकसभा चुनावों में मुस्लिम उम्मीदवारों को टिकट देने में उपेक्षा की और अब विधानसभा चुनाव में यह स्वीकार्य नहीं होगा।" उन्होंने चेतावनी दी कि इंसाफ मंच बिहार भर में अभियान चलाएगा और मुस्लिमों के प्रतिनिधित्व को सुनिश्चित करने के लिए संघर्ष करेगा।
इंसाफ मंच के असलम रहमानी ने केंद्र सरकार पर तीखा हमला बोलते हुए कहा, "मोदी सरकार वक्फ संशोधन बिल और मस्जिदों के सर्वे के जरिए मुस्लिमों को प्रताड़ित कर रही है। बहुसंख्यक वोट बैंक के लिए मुसलमानों को निशाना बनाया जा रहा है। लेकिन भाकपा-माले जैसी इंसाफ पसंद पार्टी, संविधान और लोकतंत्र की रक्षा के लिए दीवार बनकर खड़ी है।"
उन्होंने कहा कि 9 मार्च को पटना में आयोजित 'बदलो बिहार महाजुटान' में वक्फ संशोधन बिल वापस लेने और 1991 के वरशिप एक्ट के साथ छेड़छाड़ बंद करने की मांगों को जोरदार तरीके से उठाया जाएगा।
इंसाफ मंच के जिला सचिव जफर आज़म ने कहा, "मुस्लिम समुदाय को वोट बैंक समझने वाले राजनीतिक दलों को अब जवाब देना होगा। क्षेत्रीय और राष्ट्रीय पार्टियों से हमारी मांग है कि 2025 के विधानसभा चुनावों में जातीय सर्वेक्षण के आधार पर टिकट दिया जाए।" उन्होंने बताया कि तिरहुत प्रमंडल के हर जिले में युद्धस्तर पर अभियान चलाया जाएगा ताकि 'बदलो बिहार महाजुटान' को सफल बनाया जा सके।
बैठक में माले के जिला सचिव कृष्णमोहन, नगर सचिव सूरज कुमार सिंह, सामाजिक कार्यकर्ता मोहम्मद इश्तेयाक, खालिद रहमानी, एजाज अहमद, एडवोकेट मोहम्मद इश्तेयाक, शाहनवाज हुसैन, मोहम्मद आरिफ, एहतशाम रहमानी, हाफिज अलीसहन, और शफीकुर्रहमान समेत कई नेता उपस्थित रहे।