केजरीवाल के इस्तीफा पर संजय सिंह ने दी सफाई
- Post By Admin on Sep 16 2024

दिल्ली : दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने अपने पद से इस्तीफा देने का ऐलान कर दिया है, जिसके बाद दिल्ली की राजनीति में उथल-पुथल मच गई है। उन्होंने कहा कि 2-3 दिनों में आम आदमी पार्टी (AAP) के विधायक नए मुख्यमंत्री का चुनाव करेंगे। इसके साथ ही उन्होंने दिल्ली में जल्द से जल्द चुनाव कराने की मांग भी की, यह कहते हुए कि नवंबर में चुनाव कराए जाएं। हालांकि, भाजपा और कांग्रेस ने सवाल उठाए हैं कि अगर केजरीवाल जल्दी चुनाव चाहते हैं, तो उन्होंने विधानसभा भंग करने की सिफारिश क्यों नहीं की?
इस सवाल का जवाब देते हुए आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने राष्ट्रपति शासन की आशंका जाहिर की। उन्होंने कहा कि विधानसभा भंग करने से भाजपा को राष्ट्रपति शासन लगाने का अवसर मिल सकता है, जिससे चुनाव में देरी हो सकती है। संजय सिंह ने कहा, "विधानसभा भंग करके राष्ट्रपति शासन लगवाना है क्या? जहां विधानसभा भंग हुई, फिर कितने साल तक राष्ट्रपति शासन लगवाकर रखेंगे? भाजपा का काम ही चुनी हुई सरकारों को गिराना और खरीद-फरोख्त करना है।"
चुनाव में देरी की आशंका पर संजय सिंह ने आगे कहा कि यदि दिल्ली में राष्ट्रपति शासन लगाया जाता है, तो भाजपा चुनाव में देरी कर सकती है। उन्होंने आशंका जताई कि चुनाव में देरी होने से आम आदमी पार्टी द्वारा तैयार किया गया मौजूदा राजनीतिक माहौल ठंडा पड़ सकता है, जिससे पार्टी को नुकसान हो सकता है।
संजय सिंह ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 'वन नेशन, वन इलेक्शन' के विचार का हवाला देते हुए कहा कि चुनाव आयोग को निर्णय लेना चाहिए कि कब चुनाव कराए जाएं।
आम आदमी पार्टी का मानना है कि विधानसभा भंग करने के बजाय, नया मुख्यमंत्री आकर बचे हुए कार्यकाल को पूरा करे। इससे चुनाव से पहले महिलाओं के लिए आर्थिक सहायता जैसी योजनाओं को लागू करने का मौका मिलेगा, जिनसे पार्टी को चुनाव में लाभ हो सकता है।
विधानसभा चुनाव के संबंध में जानकारों का मानना है कि यदि केजरीवाल अभी विधानसभा भंग भी कर देते हैं, तो भी चुनाव निर्धारित समय से पहले नहीं हो सकते। मतदाता सूची को अपडेट करने का काम अभी जारी है, जो जनवरी तक पूरा होगा। ऐसे में, नवंबर में चुनाव कराना संभव नहीं दिखता है।
दिल्ली में विधानसभा चुनाव फरवरी 2024 में होने की संभावना है, लेकिन केजरीवाल के इस्तीफे के बाद राजनीतिक माहौल गर्म हो गया है और अब यह देखना दिलचस्प होगा कि आने वाले दिनों में दिल्ली की सियासी बिसात कैसे बिछती है।