नेताओं और पार्टियों को जनता का डर नहीं, वे मुफ्त में वोट लेने के आदी हो गए हैं : प्रशांत किशोर

  • Post By Admin on Mar 17 2025
नेताओं और पार्टियों को जनता का डर नहीं, वे मुफ्त में वोट लेने के आदी हो गए हैं : प्रशांत किशोर

पटना : जन सुराज के संस्थापक प्रशांत किशोर ने एक बैठक में लोकतंत्र और नेताओं की पारदर्शिता पर बातें रखते हुए बिहार की वर्तमान राजनीतिक स्थिति पर चिंता व्यक्त करते हुए लोगों से कहा कि वे अपने नेताओं पर सिर्फ पांच साल तक विश्वास करें। उन्होंने यह भी कहा कि किसी भी नेता को 35 साल तक सत्ता में बने रहने का अधिकार नहीं होना चाहिए और न ही जनता को ऐसे नेताओं को बंधुआ मजदूर की तरह वोट देना चाहिए।

प्रशांत किशोर ने कहा कि लोकतंत्र में जनता को हर पांच साल में अपने प्रतिनिधि को चुनने का मौका मिलता है। इसलिए जनता को भी इस पांच साल की अवधि तक ही अपने नेताओं पर भरोसा करना चाहिए और उनके कामकाजी प्रदर्शन के आधार पर निर्णय लेना चाहिए। उन्होंने कहा, “यदि कोई नेता अपनी जिम्मेदारी ठीक से नहीं निभा रहा है तो उसे हटाने का अधिकार जनता को है।”

किशोर ने इस दौरान दक्षिणी राज्यों का उदाहरण देते हुए कहा कि देश के पांच प्रमुख दक्षिणी राज्य तमिलनाडु, कर्नाटका, केरल, आंध्र प्रदेश और तेलंगाना विकास के मामले में बहुत अग्रणी हैं। इन राज्यों में राज्य सरकारें बार-बार बदली हैं, लेकिन इनका विकास कभी रुका नहीं। वह मानते हैं कि इन राज्यों में लगातार सत्ता परिवर्तन होने का कारण यही है कि नेताओं को यह डर रहता है कि अगर वे अपने वादों को पूरा नहीं करते, तो जनता उन्हें हटा सकती है।

इसके विपरीत, बिहार में प्रशांत किशोर ने कहा कि नेताओं और पार्टियों को जनता का डर नहीं है। वे चुनावों में जनता से मुफ्त में वोट लेने के आदी हो गए हैं। इसके कारण विकास में रुकावट आती है और व्यवस्था में सुधार की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि यदि बिहार में व्यवस्था परिवर्तन लाना है, तो नेताओं की पारदर्शिता और जिम्मेदारी सुनिश्चित करना अत्यंत आवश्यक है।

प्रशांत किशोर ने कहा कि जनता को यह समझने की जरूरत है कि वे अपने वोट का मूल्य समझें और केवल मुफ्त की चीजों के बहकावे में न आएं। उन्हें अपने नेता और उनके कामकाजी प्रदर्शन के आधार पर निर्णय लेना चाहिए।