विविध समाचार
- Post by Admin on Mar 16 2024
आखिर कौन नहीं चाहता होगा कि वो घर आए, तो उसे एक आराम और सुकूनदायक माहौल मिले, जिससे उसका मूड बेहतर हो. इसके लिए हम कई तरह के रूम फ्रेशनर्स का इस्तेमाल करते हैं. यही नहीं मेहमानों के आने से पहले भी हम घर को चमकाने के साथ-साथ उसे खुशबूदार बनाने के लिए महंगे-महंगे रूम फ्रेशनर्स का भी इस्तेमाल करते हैं. लेकिन वे लोग यह नहीं जानते कि हर घर का अपना एक अलग माहौल होता है और उसके हिसाब से ही उन्हे read more
- Post by Admin on Mar 16 2024
रंग-बिरंगे और खुशबूदार फूलों के जरिए घर की सजावट करना एक बेहद कारगर और मशहूर तरीका है। फूल अपनी सुंदरता के कारण हर जगह की खूबसूरती में चार-चांद लगा देते हैं।बगीचों और गमलों में लगाने के अलावा लोग अपने कमरों में भी फूल लगाना पसंद करते हैं। इन्हें आकर्षक गुलदस्तों में रखकर सजवाट की जाती है।अगर आप भी गुलदस्ते के फूलों को लंबे समय तक ताजा बनाए रखना चाहते हैं तो ये टिप्स अपनाएं।सही प्र read more
- Post by Admin on Mar 16 2024
अजीत द्विवेदीनायब सिंह सैनी को हरियाणा का मुख्यमंत्री बनाने को भाजपा का नायाब दांव माना जा रहा है। माना जा रहा है कि एक दांव से भाजपा ने कई लक्ष्य साध लिए हैं। अब भाजपा सरकार के खिलाफ एंटी इन्कम्बैंसी खत्म हो जाएगी। किसानों की नाराजगी दूर हो जाएगी। पिछड़ी जातियों का पूरी तरह से ध्रुवीकरण भाजपा के पक्ष में हो जाएगा और दूसरी ओर त्रिकोणात्मक लड़ाई में दुष्यंत चौटाला जाट वोटों का बं read more
- Post by Admin on Mar 02 2024
साल-दर-साल बढ़ती तपिश मीडिया के लिए भी खबरों का एक प्रमुख विषय बन चुकी है। एक अध्ययन के मुताबिक खास तौर पर भाषायी प्रकाशनों में काम कर रहे पत्रकारों को इस गूढ़ विषय के बारे में और प्रशिक्षित करने की जरूरत है। ब्रिटेन के स्कूल ऑफ़ जियोग्राफी एंड द एनवायरनमेंट के विशेषज्ञ जेम्स पेंटर, ऑस्ट्रेलिया स्थित क्वींसलैंड यूनिवर्सिटी के जगदीश ठाकेर और क्लाइमेट ट्रेंड्स की विनम्रता बोरवं read more
- Post by Admin on Mar 02 2024
भारत लगातार दूसरे साल गर्म सर्दियों से जूझ रहा है, जिससे देश की जल आपूर्ति को लेकर चिंताएं बढ़ गई हैं. क्लाइमेट ट्रेंड्स की एक हालिया रिपोर्ट स्थिति की गंभीरता पर प्रकाश डालती है. रिपोर्ट में कहा गया है कि बीते सर्दी के सीज़न में बारिश कम हुई है, जिससे कुल वर्षा की मात्रा में भारी कमी हुई है. वर्षा की यह कमी पानी की कमी और पर्यावरणीय स्थिरता के बारे में मौजूदा चिंताओं को बढ़ा रही read more
- Post by Admin on Mar 02 2024
पहाड़ों का गहना, उत्तराखंड का राजकीय फूल बुरांश, इस बार किसी उत्सव की सूचना नहीं, बल्कि खतरे की घंटी बजा रहा है. फरवरी में ही ये लाल रंग के शानदार फूल खिल गए हैं, जिसने पर्यावरणविदों और स्थानीय लोगों की चिंता बढ़ा दी है. आमतौर पर ये फूल मार्च-अप्रैल में अपने पूरे रंग में खिलते हैं, लेकिन इस बार इनका बेवक्त आगमन, जलवायु परिवर्तन की जहरीली करतूतों का नतीजा माना जा रहा है. डॉ. पंकज नौटिया read more
- Post by Admin on Feb 27 2024
हर बार, बाज़ार जाने से पहले जब आप वो कपड़े का थैला ले जाना भूल जाते हैं और फिर सामान खरीदने के बाद दुकानदार से पॉलिथीन की थैली मांगते हैं, तब आप अनजाने में ही सही, लेकिन कहीं न कहीं, किसी बच्चे की बौद्धिक दिव्यांगता में योगदान दे रहे होते हैं। जी हाँ, आपने सही पढ़ा। यह बात सुनने में भले ही चौंकाने वाली लगे, लेकिन पॉलिथीन की थैलियों के हमारे इस्तेमाल, गर्भस्थ बच्चों के विकास, और जलवायु परिव read more
- Post by Admin on Feb 27 2024
सेंटर फॉर मीडिया स्टडीज (सीएमएस), दिल्ली, ने 22 और 23 फरवरी को माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता और जनसंचार विश्वविद्यालय के मास कम्युनिकेशन विभाग के सहयोग से "आर्द्रभूमि जीवन के लिए" विषय पर एक क्षमता निर्माण कार्यशाला का आयोजन किया। आर्द्रभूमि, जिसे दलदल, तालाब या झील भी कहा जाता है, वो इलाका होता है जहाँ पानी ज़मीन को पूरे साल या सिर्फ थोड़े समय के लिए ढ read more
- Post by Admin on Feb 09 2024
गोवा में चल रहा इंडिया एनर्जी वीक 2024 भारत के ऊर्जा भविष्य की रोमांचक तस्वीर दिखा रहा है. क्लीन एनेर्जी, महत्वाकांक्षी जलवायु लक्ष्य और एनर्जी सिक्योरिटी पर जोर के साथ, इस कार्यक्रम में कई प्रमुख घटनाक्रम सामने आए हैं, खासकर हाइड्रोजन का बढ़ता महत्व. लेकिन यहाँ बड़ा सवाल ये उठता है कि ये घटनाक्रम भारतीय ऊर्जा क्षेत्र के लिए कितने प्रासंगिक हैं, और क्या हाइड्रोजन वाकई गेम चेंजर बन सक read more
- Post by Admin on Dec 27 2023
यह दिलचस्प है कि कुंवारी दुल्हनों की मांग भारत के अलावा अन्य देशों में भी है। यूएन वुमन की रिपोर्ट के अनुसार, दुनियाभर में प्रतिवर्ष सात करोड़ से अधिक महिलाएं वर्जिनिटी टेस्ट से गुजरती हैं। यह अनुमति डॉक्टर, अस्पताल, अदालत और सरकारें देती हैं। क्या किसी विधवा, तलाकशुदा, परित्यक्तता या बलात्कार की शिकार लड़की को अपना जीवन दोबारा शुरू करने का अधिकार नहीं है? आज भी पितृसत read more