160 में से केवल 11 निजी विद्यालय कर रहे हैं पोर्टल पर बच्चों की एंट्री
- Post By Admin on Jul 23 2024

लखीसराय : जिला समाहरणालय परिसर में स्थित एनआईसी के सभागार में मंगलवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से प्राथमिक शिक्षा के निदेशक विनोद कुमार सिंह ने शिक्षा विभाग के पदाधिकारियों के साथ एक समीक्षात्मक बैठक की। इस बैठक में शिक्षा के अधिकार अधिनियम 2009 के तहत निजी विद्यालयों में 25 प्रतिशत आरक्षित वर्ग के बच्चों को मुफ्त एवं अनिवार्य शिक्षा देने के लिए नामांकन पर विशेष जोर दिया गया।
बैठक के दौरान निदेशक विनोद कुमार सिंह ने निर्देश दिया कि आरटीई के तहत निजी विद्यालयों में आरक्षित बच्चों के नामांकन कार्य में तेजी लाई जाए। इसके लिए ज्ञानदीप पोर्टल पर आवेदन किए गए बच्चों के आवेदनों को निजी विद्यालयों द्वारा शीघ्रता से वेरीफाई करने की आवश्यकता है। लखीसराय जिले में 112 बच्चों के आवेदन अभी भी पेंडिंग हैं, जबकि प्रथम चरण में वेरीफाई किए गए 232 आवेदनों में से 130 आवेदन प्रखंड स्तर पर भी पेंडिंग हैं। इन्हें शीघ्र अभिभावकों से संपर्क कर अभिलेख प्राप्त कर ऑनलाइन वेरीफाई करने का निर्देश दिया गया।
निदेशक ने बताया कि कमजोर वर्ग और अलाभकारी समूह के बच्चे जो निजी विद्यालयों में निःशुल्क पढ़ना चाहते हैं, उनके लिए पोर्टल को द्वितीय चरण में 22 जुलाई से 31 जुलाई तक खुला रखा गया है। इस दौरान आवेदन करने का मौका दिया गया है। साथ ही, जिले में चल रहे सभी निजी विद्यालयों को शीघ्र ई-संबंधन पोर्टल पर पंजीकरण करवाने का भी निर्देश दिया गया, ताकि आरटीई के मानकों को पूरा करने वाले विद्यालयों में गरीब और अलाभकारी समूह के बच्चे अधिक से अधिक लाभान्वित हो सकें।
सभी बच्चों को आवश्यक रूप से ई-शिक्षकोष पोर्टल पर अपलोड करने के लिए भी निजी विद्यालयों को निर्देशित किया गया। बच्चों का आधार कार्ड बनवाने पर जोर दिया गया ताकि निजी और सरकारी विद्यालयों में बच्चों के दोहरीकरण पर अंकुश लगाया जा सके। यह सुनिश्चित किया गया कि हर बच्चा केवल एक ही विद्यालय में नामांकित हो और इसके लिए आधार सीडिंग को अनिवार्य किया गया है। यदि किसी बच्चे का आधार सरकारी या निजी विद्यालय में फीड है, तो दूसरे किसी भी विद्यालय में आधार फीड नहीं होगा। इससे दोहरीकरण पर पूरी तरह से विराम लगेगा।
समग्र शिक्षा अभियान की डीपीएम दीप्ति ने जानकारी दी कि वर्तमान में ई-शिक्षकोष पोर्टल पर केवल 11 निजी विद्यालयों ने ही बच्चों की एंट्री शुरू की है, जबकि जिले में लगभग 160 निजी विद्यालय संचालित हैं, जिन्हें यू डायस कोड भी उपलब्ध करा दिया गया है। वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के दौरान डीपीएम दीप्ति, समग्र शिक्षा के प्रधान सहायक अतिकुर रहमान और अन्य अधिकारी भी उपस्थित थे।
निदेशक विनोद कुमार सिंह ने सभी संबंधित विद्यालयों को निर्देश दिया कि वे आरटीई के तहत बच्चों के नामांकन और वेरीफिकेशन की प्रक्रिया को शीघ्र पूरा करें, ताकि अधिक से अधिक बच्चों को मुफ्त शिक्षा का लाभ मिल सके।