अब बिहार में नहीं होगी BEO के पद पर बहाली, इस अधिकारी को मिली जिम्मेदारी

  • Post By Admin on Feb 24 2025
अब बिहार में नहीं होगी BEO के पद पर बहाली, इस अधिकारी को मिली जिम्मेदारी

पटना : बिहार में शिक्षा व्यवस्था में सुधार के लिए शिक्षा विभाग ने एक अहम कदम उठाया है। अब राज्य में प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी (BEO) के पद पर बहाली नहीं होगी। यह फैसला शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव एस. सिद्धार्थ की तरफ से लिया गया है। इसके तहत, अब प्रखंड शिक्षा अधिकारी के पद पर नियुक्ति के बजाय, पर्यवेक्षी अधिकारियों को प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी के रिक्त पदों पर प्रतिनियुक्त किया जाएगा।

शिक्षा विभाग का नया आदेश

शिक्षा विभाग ने इस फैसले को लेकर आदेश जारी करते हुए कहा है कि राज्य के कुछ जिलों में प्रखंड शिक्षा अधिकारी (BEO) के पद रिक्त हैं, जिसके कारण विभागीय कार्यों में कठिनाई हो रही है। ऐसे में विभाग का निर्णय है कि इन रिक्त पदों पर पर्यवेक्षी स्तर के अधिकारी नियुक्त किए जाएंगे। इन अधिकारियों को अपनी मौजूदा जिम्मेदारियों के साथ-साथ प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी का कार्यभार सौंपा जाएगा, जब तक इन पदों पर नियमित या वैकल्पिक व्यवस्था नहीं हो जाती।

BEO का पारंपरिक कार्य

ब्लॉक शिक्षा अधिकारी का मुख्य कार्य ब्लॉक स्तर पर शिक्षा व्यवस्था का प्रशासन करना होता है। इसमें शिक्षा का पर्यवेक्षण, निरीक्षण, मार्गदर्शन और नियंत्रण शामिल होता है। इसके अलावा, BEO को स्कूलों के विकास के लिए कार्य करना, शिक्षकों की भर्ती में मदद करना और सभी प्राथमिक विद्यालयों को आवश्यक अध्ययन सामग्री और शिक्षण सहायक सामग्री प्रदान करना होता है। हालांकि, पिछले कई वर्षों से इस पद पर बहाली रुकी हुई थी और अब शिक्षा विभाग ने यह कदम उठाया है।

पर्यवेक्षी अधिकारी की प्रतिनियुक्ति

शिक्षा विभाग ने इस फैसले को लेकर कहा है कि पर्यवेक्षी अधिकारियों की प्रतिनियुक्ति से न केवल विभागीय कार्यों में सुधार होगा, बल्कि इससे प्रशासनिक दृष्टिकोण से भी काफी मदद मिलेगी। इस नए आदेश का उद्देश्य शिक्षा व्यवस्था में सुधार लाना और राज्य में शिक्षा के स्तर को बेहतर बनाना है।

सम्भावित असर

इस कदम से शिक्षा के क्षेत्र में सुधार की उम्मीद जताई जा रही है, क्योंकि इससे अधिकारियों के बीच समन्वय बेहतर होगा और विभागीय कार्यों में त्वरित गति आएगी। हालांकि, इस फैसले के बाद BEO के पद की बहाली के लिए भविष्य में क्या योजनाएं होंगी, यह देखना बाकी है।

यह निर्णय राज्य के शिक्षा व्यवस्था को नई दिशा देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है और उम्मीद है कि इससे प्रदेश में शिक्षा के स्तर में बदलाव आएगा।