ज्ञान से विज्ञान की ओर बढ़ते कदम : दीक्षा उपाध्याय
- Post By Admin on Jun 12 2024

मुजफ्फरपुर : बिहार बाल भवन किलकारी, जिला स्कूल छात्रावास, मुज़फ्फरपुर में बच्चों का उत्साह और विभिन्न गतिविधियों की चहल-पहल देखते ही बनती है। यहां नाटक, गायन, वादन, नृत्य, कठपुतली, जूडो कराटे, आर्ट वर्क, मधुबनी पेंटिंग और चित्रकारी के साथ-साथ बच्चे साइंस प्रोजेक्ट्स में भी जुटे नजर आते हैं।
विज्ञान विषय की प्रशिक्षक दीक्षा उपाध्याय बताती हैं कि विज्ञान वह व्यवस्थित ज्ञान है जो विचार, अवलोकन, अध्ययन और प्रयोग से मिलता है। यह किसी अध्ययन के विषय की प्रकृति या सिद्धांतों को जानने के लिए किए गए प्रयासों का परिणाम होता है। प्रकृति में उपस्थित वस्तुओं के क्रमबद्ध अध्ययन से ज्ञान प्राप्त करने को ही विज्ञान कहते हैं।
कठपुतली कलाकार सुनील सरला कहते हैं कि किसी भी वस्तु के बारे में विस्तृत ज्ञान को ही विज्ञान कहा जाता है। प्रमंडल संसाधनसेवी नेहा कुमारी का मानना है कि किसी भी वस्तु का सही अवलोकन और उसका विश्लेषण करना ही विज्ञान है। प्रमंडल कार्यक्रम समन्वयक पूनम कुमारी के अनुसार, प्रकृति के क्रमबद्ध और सुव्यवस्थित ज्ञान को विज्ञान कहते हैं। सहायक कार्यक्रम पदाधिकारी स्नेहा कुमारी बताती हैं कि 'वि' का अर्थ है विकास करना और विज्ञान का अर्थ होता है विकास करने वाला ज्ञान।
बाल भवन किलकारी में बच्चों को कला, संस्कृति, खेल के साथ-साथ विज्ञान विषय पर भी विस्तार से प्रशिक्षित किया जा रहा है। हाल ही में चक धूम धूम समर कैंप के समापन समारोह के अवसर पर विज्ञान विषय पर एक प्रदर्शनी लगाई गई थी। इस प्रदर्शनी को जिला कार्यक्रम पदाधिकारी, समाजसेवी संस्कृतिकर्मी नदीम खान, समाजसेवी बबली साहू, सरला श्रीवास सामाजिक सांस्कृतिक शोध संस्थान के संरक्षक विजय मिश्रा, चाइल्डसेफ के सचिव जयचंद्र कुमार, कठपुतली कला केन्द्र की सचिव प्रीति कुमारी, विंध्यवासनी देवी लोक कला संस्कृति मंच की सचिव लोक गायिका अनीता कुमारी, कत्थक गुरु गौरी शंकर मिश्रा, बिहार बाल भवन पटना के सुधीर कुमार, अधिवक्ता अशोक भारती और प्रमंडल कार्यक्रम समन्वयक पूनम कुमारी ने सराहा।
बाल भवन किलकारी में बच्चों की यह विज्ञान प्रदर्शनी उनके उत्साह और विज्ञान के प्रति उनकी रुचि को प्रकट करती है। यहां के बच्चों का जोश और सीखने की ललक यह साबित करती है कि भविष्य में यह बच्चे समाज में नई ऊंचाइयों को छूने के लिए तैयार हैं।