बुद्ध वर्ल्ड गर्ल्स स्कूल में डांडिया नाइट का भव्य आयोजन, शिक्षा के साथ संस्कृति का अनूठा संगम

  • Post By Admin on Sep 29 2025
बुद्ध वर्ल्ड गर्ल्स स्कूल में डांडिया नाइट का भव्य आयोजन, शिक्षा के साथ संस्कृति का अनूठा संगम

मुजफ्फरपुर : नवरात्रि के पावन अवसर पर मुजफ्फरपुर के मड़वन स्थित बुद्ध वर्ल्ड गर्ल्स स्कूल में रविवार की शाम डांडिया नाइट का भव्य आयोजन किया गया। "एक शाम संस्कार, संस्कृति और शिक्षा के नाम" की थीम पर आयोजित इस सांस्कृतिक संध्या ने विद्यालय के पूरे परिसर को उत्सवमय वातावरण में बदल दिया।

कार्यक्रम की शुरुआत मां दुर्गा की प्रतिमा पर दीप प्रज्वलन और पुष्प अर्पित कर की गई। इसके बाद छात्राओं ने देवी स्तुति और पारंपरिक स्वागत नृत्य प्रस्तुत कर सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया। रंग-बिरंगे परिधानों और पारंपरिक वेशभूषा में सजी छात्राएं, अभिभावक और शिक्षकगण जब लोकसंगीत की लयबद्ध धुन पर डांडिया खेलने उतरे तो पूरा परिसर तालियों और उल्लास से गूंज उठा।

इस अवसर पर विद्यालय परिवार ने यह संदेश दिया कि शिक्षा केवल किताबों तक सीमित नहीं है, बल्कि जीवन के मूल्यों, परंपराओं और संस्कृति से जुड़ाव भी इसका अभिन्न हिस्सा है। नवरात्रि का पर्व, जो बुराई पर अच्छाई और अंधकार पर प्रकाश की विजय का प्रतीक है, डांडिया और गरबा के माध्यम से जीवंत रूप में सामने आया।

बुद्ध वर्ल्ड ग्रुप ऑफ स्कूल्स के चेयरमैन श्री कृष्ण कुमार ने अपने संबोधन में कहा कि ऐसे आयोजन छात्राओं के समग्र विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। उन्होंने कहा, "डांडिया नाइट जैसी परंपराएं हमारी बेटियों को न केवल अपनी सांस्कृतिक धरोहर से जोड़े रखती हैं, बल्कि उनमें आपसी सहयोग, सद्भावना और एकता की भावना भी विकसित करती हैं। यह आयोजन यह सिद्ध करता है कि शिक्षा का उद्देश्य केवल अकादमिक उत्कृष्टता प्राप्त करना नहीं है, बल्कि समाज के लिए जिम्मेदार और नैतिक मूल्यों से परिपूर्ण नागरिक तैयार करना है।"

कार्यक्रम में बड़ी संख्या में अभिभावकगण उपस्थित रहे, जिन्होंने छात्राओं के प्रदर्शन की जमकर सराहना की। कई अभिभावकों ने इसे विद्यालय की ओर से एक सराहनीय पहल बताया, जिसने बच्चों को परंपराओं से जोड़ते हुए शिक्षा को व्यवहारिक आयाम दिया है।

समारोह के दौरान विद्यालय परिसर रंग-बिरंगी झालरों, दीपों और आकर्षक सजावट से जगमगा उठा था। बच्चों के लिए विशेष प्रतियोगिताएं भी आयोजित की गईं, जिनमें सर्वश्रेष्ठ परिधान और सर्वश्रेष्ठ नृत्य प्रस्तुति को पुरस्कृत किया गया।

कार्यक्रम का समापन सामूहिक आरती और मां दुर्गा की जयघोष के साथ हुआ। यह आयोजन न केवल एक सांस्कृतिक संध्या था, बल्कि शिक्षा और परंपरा के संगम का सजीव उदाहरण बन गया, जिसने उपस्थित सभी लोगों पर गहरी छाप छोड़ी।