पुलिस पर छेड़खानी व नवजात को नुकसान पहुँचाने का आरोप, एसपी से निष्पक्ष जांच की मांग
- Post By Admin on Dec 12 2025
लखीसराय : बिहार के लखीसराय जिले में माणिकपुर थाना क्षेत्र की एक महिला ने पुलिस अधिकारियों पर गंभीर आरोप लगाते हुए पुलिस अधीक्षक को लिखित आवेदन सौंपा है। आवेदन में महिला ने घर में जबरन घुसने, मारपीट, छेड़खानी, नवजात शिशु की हत्या के प्रयास और पति की जान को खतरे में डालने के आरोप लगाए हैं। मामले की प्रतिलिपि राज्य महिला आयोग, मानवाधिकार आयोग, DGP और गृह विभाग के प्रधान सचिव को भी भेजी गई है।
आरोपों में घर में जबरन प्रवेश और मारपीट शामिल
पीड़िता नेहा कुमारी का कहना है कि 10 दिसंबर 2025 की रात करीब 12 बजे माणिकपुर थाना के पुलिस अधिकारी रंधीर कुमार सिंह, धर्मेंद्र कुमार और अन्य दो-तीन पुलिसकर्मी उनके घर में मुख्य दरवाजा तोड़कर घुस आए। महिला का आरोप है कि इस दौरान कोई महिला पुलिस उपस्थित नहीं थी और पुलिसकर्मियों ने उनके वृद्ध पिता के साथ गाली-गलौज करते हुए मारपीट की।
छेड़खानी और लज्जा भंग करने का आरोप
नेहा कुमारी ने आरोप लगाया कि रोकने पर पुलिस अधिकारियों ने उनके साथ छेड़खानी की। उन्होंने दावा किया कि पुलिसकर्मियों ने उन्हें निर्वस्त्र करने की कोशिश की और विरोध करने पर गाली-गलौज करते हुए शारीरिक हमला किया।
नवजात शिशु को चोट पहुंचाने का गंभीर आरोप
आवेदन के अनुसार, 11 दिसंबर की दोपहर पुलिसकर्मी फिर से घर पहुंचे और धमकी दी कि आदेश न मानने पर उनके पति को मारकर "गायब" कर दिया जाएगा। महिला का आरोप है कि भय पैदा करने के लिए पुलिस अधिकारी रंधीर कुमार सिंह ने उनकी छह दिन की नवजात बच्ची को जमीन पर पटकने की कोशिश की।
पति को फंसाने और न्यायालय के आदेश की अवहेलना का आरोप
नेहा कुमारी ने कहा कि उनके पति कृष्ण कुमार को माणिकपुर थाना कांड संख्या 52/25 में झूठे मामले में फंसाकर जेल भेजा गया। उन्होंने दावा किया कि इस मामले में गुंडा एक्ट लगाने का भी प्रयास किया गया था, जिसकी शिकायत न्यायालय में की गई है।
महिला के अनुसार, अदालत ने पुलिस को सीसीटीवी फुटेज संरक्षित रखने का आदेश दिया था, लेकिन इसके बाद वह पुलिसकर्मियों के निशाने पर आ गईं। उन्होंने कहा कि उनके पति के विरुद्ध कोई वारंट या अन्य मुकदमा लंबित नहीं है।
निष्पक्ष जांच की मांग
पीड़िता ने पुलिस अधीक्षक से अनुरोध किया है कि संबंधित पुलिसकर्मियों पर विधि अनुसार प्राथमिकी दर्ज कर निष्पक्ष जांच कराई जाए, ताकि उनके सम्मान, सुरक्षा और परिवार की जान की रक्षा हो सके।
पुलिस प्रशासन की ओर से आधिकारिक प्रतिक्रिया अभी उपलब्ध नहीं
जिले के पुलिस प्रशासन की ओर से इन आरोपों पर कोई औपचारिक प्रतिक्रिया जारी नहीं की गई है। मामले में आगे की कार्रवाई और जांच पर जिला पुलिस की ओर से आधिकारिक बयान की प्रतीक्षा की जा रही है।