रिश्वत लेते पकड़े गए सहकारिता पदाधिकारी, मतदाता सूची से नाम हटाने की थी डील
- Post By Admin on Nov 14 2024
नालंदा : निगरानी विभाग पटना ने नालंदा जिले के सिलाव प्रखंड के सहकारिता पदाधिकारी प्रशांत कुमार को 50 हजार रुपये रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया है। यह गिरफ्तारी नालंदा के 17 नंबर बायपास पर स्थित ममता पेट्रोल पंप के पास बख्तियारपुर-रजौली मार्ग पर हुई। गिरफ्तार सहकारिता पदाधिकारी को निगरानी विभाग की टीम ने तत्काल अपनी गिरफ्त में लिया और पटना ले जाया गया। इस घटना के बाद प्रशासन में हड़कंप मच गया है और संबंधित विभागों में सनसनी फैल गई है।
यह घूसखोरी का मामला पैक्स चुनाव से जुड़ा हुआ था। गोरमा पंचायत के पैक्स अध्यक्ष अमन कुमार उर्फ निक्कू ने निगरानी विभाग से शिकायत की थी कि सहकारिता पदाधिकारी ने पैक्स चुनाव के लिए तैयार की गई मतदाता सूची से कुछ नाम हटाने के बदले रिश्वत की मांग की थी। विशेष रूप से दूसरे पक्ष द्वारा 63 व्यक्तियों के नाम मतदाता सूची में दर्ज कराए गए थे लेकिन जांच के बाद इनमें से 48 नाम हटा दिए गए थे। जबकि 14 नाम हटाए नहीं गए थे। जब पैक्स अध्यक्ष ने बाकी नामों को हटाने की मांग की तो सहकारिता पदाधिकारी ने 50 हजार रुपये की रिश्वत की मांग की।
निगरानी विभाग के डीएसपी सुधीर कुमार ने बताया, “24 अक्टूबर को पैक्स अध्यक्ष अमन कुमार उर्फ निक्कू ने निगरानी विभाग से शिकायत की थी। इसके बाद सत्यापन की प्रक्रिया शुरू की गई और 30 अक्टूबर को मामला दर्ज किया गया और गुरूवार को निगरानी विभाग की टीम ने सहकारिता पदाधिकारी को रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ पकड़ा।”
उन्होंने आगे कहा कि इस गिरफ्तारी के बाद विभाग द्वारा आगे की जांच की जाएगी और पदाधिकारी के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
यह घटना राज्य में रिश्वतखोरी और भ्रष्टाचार के खिलाफ निगरानी विभाग की सख्त कार्रवाई का संकेत है। निगरानी विभाग का कहना है कि इस प्रकार के मामलों में कोई भी कर्मचारी या अधिकारी बच नहीं पाएगा। चाहे वह कितनी भी उच्च पद पर क्यों न हो। इस गिरफ्तारी ने अन्य भ्रष्ट अधिकारियों के लिए एक कड़ा संदेश भेजा है कि कानून की पकड़ से कोई नहीं बच सकता।
सिलाव के सहकारिता पदाधिकारी की गिरफ्तारी ने यह भी दर्शाया कि पैक्स चुनाव और चुनावी प्रक्रिया में पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए निगरानी विभाग लगातार कार्रवाई कर रहा है।