नालंदा विश्वविद्यालय शांति, एकता और अध्यात्म का विश्वव्यापी प्रतीक है : टोबगे

  • Post By Admin on Sep 03 2025
नालंदा विश्वविद्यालय शांति, एकता और अध्यात्म का विश्वव्यापी प्रतीक है : टोबगे

राजगीर : भारत के दौरे पर आए भूटान के प्रधानमंत्री शेरिंग टोबगे अपनी धर्मपत्नी और उच्चस्तरीय प्रतिनिधिमंडल के साथ बिहार के राजगीर स्थित नालंदा विश्वविद्यालय पहुंचे। कुलपति प्रो. सचिन चतुर्वेदी ने उनका स्वागत किया और विश्वविद्यालय की ऐतिहासिक एवं सांस्कृतिक धरोहर पर उन्हें विस्तृत जानकारी दी।

प्रधानमंत्री टोबगे ने नालंदा विश्वविद्यालय को केवल शिक्षा का केंद्र नहीं, बल्कि शांति, एकता और अध्यात्म का शाश्वत दीपस्तंभ बताते हुए कहा, "अल-अजहर, बोलोनिया, ऑक्सफोर्ड और पेरिस जैसे प्राचीन विश्वविद्यालयों से भी पहले, नालंदा महाविहार लगभग 2000 वर्षों तक विश्व का सबसे प्रमुख उच्च शिक्षा केंद्र रहा। यह केवल विश्वविद्यालय नहीं, बल्कि विद्या और अध्यात्म का विशाल नगर था, जहां 10,000 से अधिक छात्र और विद्वान निवास करते थे।"

उन्होंने कहा कि वर्तमान नालंदा विश्वविद्यालय विविध छात्र-शिक्षक समुदाय के माध्यम से उसी ऐतिहासिक परंपरा को आगे बढ़ा रहा है। छात्रवृत्ति, शैक्षणिक आदान-प्रदान और सांस्कृतिक साझेदारी को मजबूत करने का प्रस्ताव रखते हुए उन्होंने नालंदा विश्वविद्यालय को भूटान में नवंबर में आयोजित होने वाले ग्लोबल पीस प्रेयर फेस्टिवल में भाग लेने का आमंत्रण भी दिया।

भूटान के प्रधानमंत्री ने कहा, "भूटान विश्व का एकमात्र वज्रयान बौद्ध राज्य है और हम नालंदा की उस ऐतिहासिक भूमिका को गहराई से स्मरण करते हैं जिसने हमारी परंपराओं को आकार दिया। भविष्य में नालंदा के साथ हमारा सहयोग इस बंधन को और मजबूत करेगा।"

इस अवसर पर छात्रों के साथ संवाद को प्रोत्साहित करने के लिए विश्वविद्यालय ने प्रतियोगिता आयोजित की, जिसमें 50 से अधिक प्रश्न प्राप्त हुए। चुने गए प्रश्नों का प्रधानमंत्री ने गर्मजोशी से उत्तर दिया।

कुलपति प्रो. चतुर्वेदी ने विश्वविद्यालय की एकता, प्रकृति के साथ संतुलन और सतत विकास के लक्ष्यों पर जोर देते हुए बताया कि नालंदा की ध्यान-आधारित शिक्षा परंपरा भूटान की माइंडफुलनेस सिटी पहल से मेल खाती है। उन्होंने छात्रों को शिक्षा, शांति और सामाजिक उत्तरदायित्व के महत्व पर भी प्रकाश डाला।