सीताराम येचुरी के निधन से देश में शोक की लहर, वामपंथी आंदोलन को बड़ा झटका
- Post By Admin on Sep 12 2024
लखीसराय : भारत की कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) के अखिल भारतीय महासचिव कॉमरेड सीताराम येचुरी का आज दिल्ली के एम्स अस्पताल में इलाज के दौरान निधन हो गया। उनके निधन से पूरे देश में शोक की लहर दौड़ गई है। सीताराम येचुरी का जन्म 12 अगस्त 1952 को मद्रास में हुआ था। छात्र जीवन के दौरान उन्होंने जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) में छात्र संघ के अध्यक्ष के रूप में अपनी पहचान बनाई। 2015 में वे माकपा के महासचिव बने और 2016 में भारतीय संसद द्वारा उन्हें सर्वोच्च पुरुष्कार से सम्मानित किया गया।
सीताराम येचुरी ने जीवनभर सर्वहारा वर्ग के उत्थान के लिए संघर्ष किया। वे प्रसिद्ध अर्थशास्त्री और दार्शनिक थे और उनके योगदान देश के राजनीतिक और आर्थिक विचारधारा के क्षेत्र में हमेशा स्मरणीय रहेंगे। वे वामपंथी एकता के बड़े समर्थक थे और हमेशा साम्राज्यवादी तथा पूंजीवादी नीतियों के खिलाफ जनता की आवाज बनते रहे। समाजवाद को मजबूती प्रदान करने के लिए उनका संघर्ष अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी सराहा गया।
लखीसराय में भी उनके निधन से गहरा शोक व्यक्त किया गया। भारत की कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) लखीसराय जिला कमिटी के सदस्यों में शोक की लहर है। जिला मंत्री मोती साव, शंकर राम, अजीत यादव, दीपक वर्मा, रौशन कुमार, रणधीर कुमार, रामदयाल साव, शिवदानी सिंह बच्चन, सुधीर कुमार, कपिलदेव पासवान, योगी यादव, पूर्व छात्र नेता और वार्ड आयुक्त सुनील कुमार, तथा पूर्व सी.पी.एम. नेता सह अधिवक्ता घनश्याम यादव सहित अन्य नेताओं ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर शोक संवेदना व्यक्त की।
कॉमरेड येचुरी का निधन न केवल वामपंथी आंदोलन के लिए बल्कि पूरे देश की प्रगतिशील राजनीति के लिए एक बड़ी क्षति है।