प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान कार्यक्रम को लेकर कार्यशाला आयोजित
- Post By Admin on Oct 28 2024

लखीसराय : सदर अस्पताल लखीसराय के सभागार में सिविल सर्जन-सह-सचिव, जिला स्वास्थ्य समिति लखीसराय की अध्यक्षता में जिला स्तर पर जिले के कुल 40 एएनएम एवं आशा कार्यकर्ता के साथ प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान कार्यक्रम को लेकर एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। जिसका शुभारंभ सिविल सर्जन सह सचिव जिला स्वास्थ्य स्वास्थ्य समिति लखीसराय, उपाधीक्षक, सदर अस्पताल लखीसराय एवं जिला कार्यक्रम प्रबंधक, जिला स्वास्थ्य समिति लखीसराय के द्वारा संयुक्त रूप से किया गया।
कार्यक्रम के प्रारंभ में सिविल सर्जन सह सचिव के द्वारा बताया गया कि प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान भारत सरकार की एक नई पहल है, जिसके तहत प्रत्येक माह की निश्चित नवीं तारीख को सभी गर्भवती महिलाओं को व्यापक और गुणवत्तायुक्त प्रसव पूर्व देखभाल प्रदान करना सुनिश्चित किया गया है।
इस अभियान के तहत गर्भवती महिलाओं को सरकारी स्वास्थ्य केंद्रों पर उनकी गर्भावस्था के दूसरी और तीसरी तिमाही की अवधि (गर्भावस्था के 4 महीने के बाद) के दौरान प्रसव पूर्व देखभाल सेवाओं का न्यूनतम पैकेज प्रदान किया जाएगा। इस कार्यक्रम की प्रमुख विशेषता यह हैं कि प्रसव पूर्व जांच सेवाएं ओबीजीवाई विशेषज्ञों एवं चिकित्सा अधिकारियों द्वारा उपलब्ध करायी जाएगी।
निजी क्षेत्र के विशेषज्ञों एवं चिकित्सकों को हर महीने की नवीं तारीख को उनके जिलों में सरकारी चिकित्सकों के प्रयासों के साथ स्वैच्छिक सेवाएं प्रदान करने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा हैं।
जिला कार्यक्रम प्रबंधक के द्वारा बताया गया कि, इस कार्यक्रम की शुरुआत इस आधार पर की गयी है कि यदि हर एक गर्भवती महिला का चिकित्सा अधिकारी द्वारा परीक्षण एवं पीएमएसएमए के दौरान उचित तरीकें से कम से कम एक बार जांच की जाएँ तथा इस अभियान का उचित पालन किया जाएँ, तो यह अभियान हमारे देश में होने वाली मातृ-मृत्यु की संख्या को कम करने में महत्वपूर्ण एवं निर्णायक भूमिका निभा सकता हैं। जिला योजना समन्वयक के द्वारा पॉवर पॉइंट प्रेजन्टैशन के द्वारा कार्यक्रम के संबंध में विस्तृत रूप से बताया गया।
पीएमएसएमए की मुख्य विशेषताएं :
प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान (पीएमएसएमए) सभी गर्भवती महिलाओं को प्रसव पूर्व देखभाल की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए शुरू किया गया है। इस अभियान के तहत लाभार्थियों को हर महीने की नवीं तारीख को प्रसव पूर्व देखभाल सेवाओं (जांच और दवाओं सहित) का न्यूनतम पैकेज प्रदान किया जाएगा। यदि किसी माह में नवीं तारीख को रविवार या राजकीय अवकाश होने की स्थिति में अगले कार्यदिवस पर यह दिवस आयोजित किया जाएगा।
इन सेवाओं को स्वास्थ्य सुविधा एवं आउटरीच पर नियमित एएनसी के अतिरिक्त प्रदान किया जाएगा। इन सेवाओं को शहरी और ग्रामीण दोनों क्षेत्रों में निर्धारित सार्वजनिक स्वास्थ्य केंद्रों (पीएचसी,सीएचसी,डीएच एवं शहरी स्वास्थ्य केंद्रों आदि) पर उपलब्ध कराया जाएगा।
इसका लक्ष्य सभी गर्भवती महिलाओं तक पहुंचना है। विशेष रूप से यह प्रयास होगा कि वे महिलाएं जिन्होंने एएनसी के लिए रजिस्टर नहीं किया है, तथा जिन्होंने रजिस्टर किया है, लेकिन एएनसी सेवाओं का लाभ नहीं उठाया है, एवं उच्च जोखिम गर्भवती महिलाओं तक पहुंचें।
आवश्यक रूप से, ये सेवाएं ओबीजीवाई विशेषज्ञों एवं चिकित्सकों द्वारा उपलब्ध करायी जाएगी। निजी क्षेत्र के ओबीजीवाई विशेषज्ञों एवं चिकित्सकों को, जहां सरकारी क्षेत्र के चिकित्सक उपलब्ध या पर्याप्त नहीं हैं, वहां सार्वजनिक स्वास्थ्य केंद्रों में स्वैच्छिक सेवाएं प्रदान करने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा।
एकल खिड़की प्रणाली के सिद्धांतों का उपयोग करते हुए, यह सुनिश्चित किया गया है, कि पीएमएसएमए क्लीनिक में आने वाली सभी गर्भवती महिलाओं को जांच का न्यूनतम पैकेज (गर्भावस्था की दूसरी तिमाही के दौरान अल्ट्रासाउंड सहित) तथा दवाएं जैसे कि आइएफए सप्लीमेंट, कैल्शियम सप्लीमेंट आदि प्रदान की जाएगी। गर्भवती महिलाओं को मातृ एवं बाल संरक्षण कार्ड तथा सुरक्षित मातृत्व पुस्तिकाएं दी जाएगी।
उच्च जोखिम वाली गर्भवती महिलाओं की पहचान एवं फॉलो-अप करना अभियान के महत्वपूर्ण घटकों में से एक है।
स्टीकर, जो कि गर्भवती महिला की स्थिति एवं जोखिम के कारक को दर्शाएगा, इस स्टीकर को एमसीपी कार्ड पर हर जाँच के दौरान जोड़ा जाएगा।
हरा स्टीकर : सामान्य गर्भावस्था वाली महिला होने पर। लाल स्टीकर : उच्च जोखिम वाली महिला होने पर।
प्रसव पूर्व जाँच के दौरान देखभाल की गुणवत्ता सुधार :
इसमें निम्नलिखित सेवाएं शामिल हैं जैसे सभी उपयुक्त नैदानिक सेवाएं। उपयुक्त नैदानिक स्थितियों के लिए स्क्रीनिंग। कोई भी नैदानिक स्थितियां जैसे कि रक्ताल्पता, गर्भावस्था प्रेरित उच्च रक्तचाप, गर्भावधि मधुमेह आदि का उचित प्रबंधन। उचित परामर्श सेवाएं एवं सेवाओं का उचित प्रलेखन रखना। उन गर्भवती महिलाओं को, जो किसी भी कारण से अपनी प्रसव पूर्व जाँच नहीं करा पायी, उन्हें अतिरिक्त अवसर प्रदान करना। प्रसूति एवं चिकित्सा के इतिहास और मौजूदा नैदानिक स्थिति के आधार पर उच्च जोखिम गर्भधारण की पहचान और लाइन-सूची करना।
हर गर्भवती महिला को विशेषत रूप से जिनकी पहचान किसी भी जोखिम कारक या सहरुग्णता स्थिति में की गयी हैं, उनके लिए उचित जन्म योजना और जटिलता की तैयारी करना। कुपोषण से पीड़ित महिलाओं में रोग का जल्दी पता लगाने, पर्याप्त और उचित प्रबंधन पर विशेष जोर देना। किशोर और जल्दी गर्भधारण पर विशेष ध्यान देना, क्योंकि इन गर्भधारणों में अतिरिक्त एवं विशेष देखभाल की जरूरत होती है।
पीएमएसएमए के उद्देश्य :
प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान, प्रजनन मातृ नवजात शिशु एवं किशोर स्वास्थ्य (आरएमएनसीएच) रणनीति के तहत निदान तथा परामर्श सेवाओं सहित गुणवत्तायुक्त प्रसव पूर्व देखभाल की कवरेज (एएनसी) के लिये परिकल्पना की गयी है। चिकित्सकों एवं द्वारा दूसरी या तीसरी तिमाही की सभी गर्भवती महिलाओं को कम से कम एक प्रसव पूर्व जांच सुनिश्चित करना हैं।