मणिपुर हिंसा के विरोध में एक हुए सामाजिक-राजनीतिक संगठन, किया धरना प्रदर्शन

  • Post By Admin on Jul 31 2023
मणिपुर हिंसा के विरोध में एक हुए सामाजिक-राजनीतिक संगठन, किया धरना प्रदर्शन

मुजफ्फरपुर: जिला स्थित समाहरणालय परिसर में सोमवार दिनांक 31 जुलाई, 2023 को विभिन्न सामाजिक संगठनों द्वारा मणिपुर हिंसा के विरोध में धरना प्रदर्शन किया गया। प्रदर्शन में शामिल मुजफ्फरपुर पीयूसीएल के सदस्य, शहर के बुद्धिजीवी, राजनैतिक-सामाजिक कार्यकर्ता एवं सिविल सोसाइटी के सदस्यों ने अपनी विभिन्न मांगों को लेकर धरना प्रदर्शन किया एवं राष्ट्रपति को संबोधित पत्र जिलाधिकारी को सौंपा।

प्रदर्शन की अध्यक्षता करते हुए प्रो. के. के. झा ने कहा कि मणिपुर में मानव विरोधी कृत्य यथा लूट, बलात्कार सांप्रदायिक एवं जातीय हिंसा, कत्ल, उन्माद जैसे कृत्य पिछले तीन मई से जारी है। परिणामस्वरूप लाखों लोगों को अपना घर छोड़ कर राहत शिविर में शरण लेने पर मजबूर होना पड़ रहा है। अब तक की सरकारी रिपोर्ट के अनुसार 70 एवं बीबीसी के मुताबिक 175 से अधिक लोग इस हिंसा में अपनी जान गवां चुके हैं और ये सिलसिला थमता हुआ नजर नहीं आ रहा है। तीन महीने से ये हिंसा जारी है और केंद्र सरकार या राज्य सरकार इसे कंट्रोल करने में न केवल विफल रही है बल्कि वोट के लालच में कोई भी सक्षम एवं सशक्त प्रयास भी करती नजर नहीं आ रही है। मणिपुर में 60 विधान सभा सीटों में 40 सीटों पर मैती समुदाय मेजॉरिटी में है यही कारण है कि भाजपा  सरकार अपने वोट के नफा नुकसान के कारण सक्षम ढंग से हस्तक्षेप नहीं कर रही है।

प्रदर्शनकारियों ने अपनी मांगों को सरकार के समक्ष प्रस्तुत करते हुए कहा कि 
हमारी मांगे हैं कि मणिपुर में अविलंब राष्ट्रपति शासन लागू हो, मणिपुर के मुख्य मंत्री और राज्यपाल से केन्द्र सरकार इस्तिफा मांगे और अगर वे इस्तीफा नहीं देते हैं तो उन्हें बर्खास्त करे। केंद्रीय गृह मंत्री इस विफलता का जिम्मेदारी लेते हुए इस्तीफा दें अथवा प्रधानमंत्री गृहमंत्री से इस्तीफा लें।मणिपुर में हुए हिंसा की जांच के लिए एक सर्वोच्च न्यायालय के जज की अध्यक्षता में कमीशन बने और छः महीने के अंदर कमीशन repot और उस पर अविलंब कार्यवाही हो। मणिपुर में शांति बहाली एवं विभिन्न समुदायों में भरोसा बहाली के लिए वहां की सिविल सोसाइटी और विभिन्न राजनैतिक संगठनों एवं दलों को साथ लेकर काम किया जाए।

धरना प्रदर्शन में बड़ी संख्या में लोग शामिल थे जिस में संबोधित करने वालों में प्रो. के. के. झा (जिला अध्यक्ष पीयूसीएल), प्रो. अवधेश कुमार (बिहार प्रदेश उपाध्यक्ष पीयूसीएल), शाहिद कमाल (राष्ट्रीय परिषद सदस्य पीयूसीएल), भारती सिन्हा (पीयूसीएल कार्यकारिणी सदस्य), अशोक भारत (अध्यक्ष युवा भारत), संगीता सुभासनी (घरेलू मजदूर कामगार यूनियन), चंदेश्वर राम (दलित नेता), मदन प्रसाद (किसान नेता), मो. इदरीस (एसयूसीआई), रुदल राम (सीपीआई एनडी), परशुराम पाठक एवं नील कमल (सीपीआईएमएल), नदीम खान एवं मकबूल अहमद (सामाजिक कार्यकर्ता), मो. शाहिद (पत्रकार), हेमनारायण विश्वकर्मा (आम आदमी पार्टी), ब्रजकिशोर सिंह एवं रामानुज सिंह (सामाजिक कार्यकर्ता), संतोष कुमार एवं राजी हसन (rti activist), विमला देवी एवं गायत्री देवी (नरेगा वॉच), शंभू शरण ठाकुर एवं यूनुस भाई (सीपीआई)।

इन के अलावा भी कई संगठनों के साथियों ने धरना को संबोधित किया।
अध्यक्षता प्रो. के. के. झा ने किया एवं धन्यवाद ज्ञापन जिला सचिव अंकित आनंद ने किया।