डायट रामबाग मुजफ्फरपुर में दो दिवसीय कार्यशाला का हुआ समापन
- Post By Admin on Mar 21 2025

मुजफ्फरपुर : जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान (DIET) रामबाग में आयोजित दो दिवसीय कार्यशाला का समापन आज हुआ। इस कार्यशाला से विद्यार्थियों और शिक्षकों को क्रियात्मक शोध से अवगत कराना और उन्हें इस विषय में जागरूक करना था। कार्यशाला के द्वितीय दिवस पर क्रियात्मक शोध के विभिन्न पहलुओं पर गहरी चर्चा की गई। प्रतिभागियों को शोध परिकल्पना, उद्देश्य, शोध विधि और आंकड़ा संग्रहण के बारे में विस्तृत जानकारी दी गई।
इस दौरान प्रतिभागियों को विभिन्न समूहों में विभाजित किया गया और उन्हें कार्य आवंटित किए गए। हर समूह के लिए एक मेंटर नियुक्त किया गया, जिन्होंने उनकी गतिविधियों पर नजर रखी और मार्गदर्शन किया। प्रतिभागियों ने कार्यशाला में पूरी रुचि और सक्रियता के साथ भाग लिया।
कार्यशाला की सफलता को देखकर संस्थान की प्राचार्य अनामिका कुमारी ने इस प्रकार की कार्यशालाओं के आयोजन की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि क्रियात्मक शोध विद्यार्थियों और शिक्षकों के जीवन में महत्वपूर्ण बदलाव ला सकता है, जिससे उनकी शिक्षा और समझ में गहरा सुधार हो सकता है।
वहीं, संस्थान की वरीय व्याख्याता डॉ. सरिता शर्मा ने क्रियात्मक शोध के महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि यह शोध न केवल शिक्षकों और छात्रों, बल्कि प्रशासनिक व्यवस्था के लिए भी नवाचारी समझ को विकसित करने का एक माध्यम है।
कार्यशाला के अंतिम सत्र में प्रतिभागियों द्वारा एक क्रियात्मक शोध आधारित मॉडल प्रस्तुत किया गया। इस मॉडल में प्रियंका कुमारी, नेहा कुमारी, राजीव कुमार शर्मा, राकेश कुमार और डी.एल.एड के प्रशिक्षुओं ने अपने शोध प्रारूपों को प्रस्तुत किया।
कार्यशाला में साधन सेवा के रूप में डॉ. अमित रत्न द्विवेदी, डॉ. अनूप कुमार सिंह, अश्वनी कुमार पांडे, अनिल कुमार सिंह, धीरज कुमार शर्मा और दीपक उपस्थित थे। कार्यशाला के सह-संयोजक धीरज शर्मा ने कार्यशाला के उद्देश्य पर विस्तार से बात करते हुए बताया कि उनका उद्देश्य विद्यार्थियों को क्रियात्मक शोध से परिचित कराना और उन्हें जीवन की समस्याओं से निपटने के लिए जागरूक करना था।
समापन समारोह के दौरान कार्यक्रम के संयोजक मनीष कुमार पांडे ने धन्यवाद ज्ञापन किया। इस अवसर पर वरीय व्याख्याता डॉ. सरिता शर्मा, रोली, पंकज कुमार, रश्मि, राकेश कुमार, अर्जुन कुमार गिरी, दीपिंती कुमारी और आशीष कुमार सहित अन्य व्याख्याता भी उपस्थित थे।