राष्ट्रीय जड़ी-बूटी दिवस पर लखीसराय में वृक्षारोपण कार्यक्रम
- Post By Admin on Aug 04 2024
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लखीसराय: पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा देने के लिए पर्यावरण भारती द्वारा आयोजित राष्ट्रीय जड़ी-बूटी दिवस के अवसर पर वृक्षारोपण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस अभियान का नेतृत्व भाजपा नेत्री धर्मिता कुमारी सिंह ने किया। पर्यावरण भारती 2008 से लगातार वृक्षारोपण अभियान चला रही है, और अब तक 1,17,223 (एक लाख सत्रह हजार दो सौ तेईस) पेड़ लगाए जा चुके हैं।
कार्यक्रम के दौरान, पर्यावरण भारती के संस्थापक, पर्यावरण संरक्षण गतिविधि के प्रांत संयोजक और अखिल भारतीय पेड़ उपक्रम टोली के सदस्य राम बिलास शाण्डिल्य ने कहा कि ग्लोबल वार्मिंग, प्राकृतिक आपदाएं, भूस्खलन, ठनका, बादल फटना, सूखा, बाढ़, और चक्रवात से बचने के लिए न केवल भारत में बल्कि दुनिया भर के लोगों को वृक्षारोपण अभियान चलाना होगा। पेड़-पौधों से हमें फल, फूल, औषधि, गोंद, लकड़ी आदि प्राप्त होते हैं, जो मानव जीवन के लिए आवश्यक हैं।
उन्होंने यह भी कहा कि वैश्विक महामारी कोरोना वायरस के दौरान प्राकृतिक ऑक्सीजन की कमी देखने को मिली थी, और दिल्ली में कृत्रिम ऑक्सीजन की भी भारी कमी हो गई थी। जंगलों की अंधाधुंध कटाई के परिणामस्वरूप संसार ने कोविड-19 महामारी का सामना किया है। 2024 के मई और जून में तापमान 47 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया था और भविष्य में यह 50 डिग्री से अधिक हो सकता है।
राम बिलास शाण्डिल्य ने लोगों से अपील की कि वे अपने घरों के आसपास या छतों पर पौधारोपण अभियान चलाएं, जिससे ग्लोबल वार्मिंग से बचाव हो सके और मानव जीवन सुरक्षित हो सके।
राष्ट्र सेविका समिति की प्रांत कार्यवाहिका श्रीमती कमला सिंह ने बताया कि 4 अगस्त को राष्ट्रीय जड़ी-बूटी दिवस के रूप में मनाया जाता है। यह दिन पतंजलि योगपीठ, हरिद्वार के आचार्य बालकृष्ण के सम्मान में मनाया जाता है, जिनका जन्म 4 अगस्त 1972 को हुआ था। उन्हें आधुनिक भारत का महर्षि धन्वंतरि माना जाता है। उनके योगदान के कारण ही 2015 में पहली बार उनके जन्मदिन को राष्ट्रीय जड़ी-बूटी दिवस के रूप में मनाया गया।
आचार्य बालकृष्ण ने जड़ी-बूटी के शोध के लिए 2023 में हिमालय की 17,500 फीट ऊंची चोटी पर चढ़ाई की और वहां दो चोटियों का नाम 'ओम कैलाश शिखर' और 'नंदी शिखर' रखा। उन्होंने विश्व वनस्पति शब्दकोश पुस्तक में 60,000 औषधीय पौधों की प्रजातियों का वर्णन किया है। उनका जीवन मानव सेवा को समर्पित है, और उनके जन्मदिन पर पौधारोपण करना एक स्मरणीय कार्य है।
इस कार्यक्रम में श्रीमती कमला सिंह, रेणु, सुप्रिया, शशि लता, दिव्या, तृषा, धर्मिता कुमारी सिंह, गुड़िया, भावना मिश्र, कल्याणी, राम बिलास शाण्डिल्य, भोला, चंदन कुमार सिंह, चन्द्रमणि झा, शैलेन्द्र कुमार, और सुधीर कुमार सिन्हा सहित कई लोगों ने भाग लिया।