साहिबगंज में दर्दनाक हादसा : गंगा में 31 लोगों से भरी नाव पलटी, एक युवक की मौत, तीन लापता

  • Post By Admin on Aug 02 2025
साहिबगंज में दर्दनाक हादसा : गंगा में 31 लोगों से भरी नाव पलटी, एक युवक की मौत, तीन लापता

साहिबगंज : झारखंड के साहिबगंज जिले में शनिवार सुबह गंगा नदी में एक दर्दनाक हादसा हो गया। 31 लोगों से भरी एक नाव अचानक नदी के बीच पलट गई, जिससे चार युवक गहरे पानी में डूब गए। इनमें से एक का शव बरामद कर लिया गया है, जबकि तीन अन्य की तलाश अब भी जारी है।

यह घटना गंगा नदी थाना क्षेत्र के गदाई दियारा इलाके में सुबह करीब 7:30 बजे घटी। प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक, नाव पर सवार 28 लोग किसी तरह तैरकर बाहर निकल आए, लेकिन चार युवक पानी के तेज बहाव में बह गए। स्थानीय युवकों ने साहस दिखाते हुए डुबकी लगाकर काहा हांसदा नामक युवक को बाहर निकाला, पर तब तक उसकी मृत्यु हो चुकी थी।

डूबे अन्य युवकों की पहचान कृष्णा, जमाई और एक अन्य के रूप में हुई है। ये चारों आदिवासी समुदाय से हैं और बड़हरवा प्रखंड के बिंदुवासिनी मंदिर के पास के गांव के निवासी बताए जा रहे हैं।

चूहे पकड़ने निकले थे युवक, लौटी मौत की ख़बर

ग्रामीणों के अनुसार, ये सभी युवक रांगा थाना क्षेत्र से चूहे पकड़ने के लिए सुबह-सुबह निकले थे। बारिश के मौसम में जब खेतों और बिलों में पानी भर जाता है, तब चूहे बाहर निकलते हैं और उन्हें पकड़ने की परंपरा कुछ ग्रामीण इलाकों में आज भी प्रचलित है। सुबह ये युवक महाराजपुर घाट से नाव पर सवार होकर दियारा इलाके पहुंचे थे, लेकिन लौटते समय नाव में क्षमता से अधिक लोग सवार हो गए। तेज बहाव और असंतुलन के कारण नाव बीच नदी में पलट गई।

राहत और बचाव कार्य जारी

हादसे की सूचना मिलते ही स्थानीय पुलिस और प्रशासन मौके पर पहुंचा। गोताखोरों की टीम नदी में लापता युवकों की तलाश में जुटी है। वहीं, साहिबगंज के उपायुक्त हेमंत सती ने बताया कि एनडीआरएफ की टीम को पटना के बिहटा से बुलाया गया है, जो राहत व बचाव कार्यों में जुटेगी। उन्होंने कहा कि गृह मंत्रालय से इस बाबत अनुमति प्राप्त हो चुकी है और टीम जिले में बाढ़ की स्थिति सामान्य होने तक तैनात रहेगी।

गांव में पसरा मातम, परिजन बेहाल

मृतक काहा हांसदा का शव पोस्टमार्टम के लिए जिला सदर अस्पताल भेजा गया है। गांव में मातम का माहौल है। परिजन और ग्रामीण गहरे सदमे में हैं। प्रशासन ने प्रभावित परिवारों को हर संभव सहायता का आश्वासन दिया है।

यह हादसा एक बार फिर सवाल खड़ा करता है – क्या नाव पर क्षमता से अधिक सवारी रोकने के लिए पर्याप्त निगरानी और चेतावनी उपाय हैं? गंगा किनारे के ग्रामीण इलाकों में सुरक्षा व्यवस्था और आपदा प्रबंधन की समीक्षा समय की मांग बन गई है।