लखीसराय में पर्यटन संगोष्ठी व विरासत विहार का भव्य शुभारंभ, अंतरराष्ट्रीय स्वरूप में निखरी बौद्ध विरासत

  • Post By Admin on May 02 2025
लखीसराय में पर्यटन संगोष्ठी व विरासत विहार का भव्य शुभारंभ, अंतरराष्ट्रीय स्वरूप में निखरी बौद्ध विरासत

लखीसराय : जिला प्रशासन, पर्यटन विभाग एवं बिहार फाउंडेशन के संयुक्त तत्वावधान में लखीसराय के संगम होटल सेमिनार हॉल में शुक्रवार को तीन दिवसीय पर्यटन संगोष्ठी एवं विरासत विहार का भव्य शुभारंभ हुआ। कार्यक्रम का उद्घाटन जिलाधिकारी मिथिलेश मिश्र ने दीप प्रज्वलित कर किया और लखीसराय की ऐतिहासिक एवं धार्मिक धरोहर को वैश्विक मंच पर स्थापित करने की आवश्यकता पर बल दिया।

कार्यक्रम के प्रथम सत्र में सिक्किम, अरुणाचल प्रदेश, भूटान, तिब्बत और बोधगया से आए बौद्ध भिक्षुओं एवं नालंदा नवविहार विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों की उपस्थिति ने आयोजन को अंतरराष्ट्रीय स्वरूप प्रदान किया। ज़िलाधिकारी ने अपने संबोधन में कहा कि आने वाले समय में लखीसराय में पर्यटन संरचना को सशक्त किया जाएगा ताकि यह क्षेत्र सांस्कृतिक पर्यटन का प्रमुख केंद्र बन सके।

इतिहासकार अशोक कुमार सिंह ने 'बज्रयान बुद्धिज्म' की दृष्टि से लखीसराय के महत्व पर प्रकाश डालते हुए बताया कि उरेन, धनौरी, लाली पहाड़ी और सहमालपुर जैसे गाँवों में बौद्ध धर्म से जुड़ी कई महत्त्वपूर्ण धरोहरें आज भी मौजूद हैं। उन्होंने कहा कि यह क्षेत्र अतीत में बौद्ध शिक्षा और साधना का प्रमुख केंद्र रहा है, जिसे पुनः पहचान दिलाने की आवश्यकता है।

इस मौके पर उप विकास आयुक्त सुमित कुमार, जिला पर्यटन प्रभारी शशि कुमार, जनसंपर्क पदाधिकारी विनोद प्रसाद, डीआरडीए निदेशक नीरज कुमार, जिला कला-संस्कृति पदाधिकारी मृणाल रंजन समेत बुद्धिज्म शोध से जुड़े कई विशेषज्ञ एवं अधिकारी उपस्थित रहे।

कार्यक्रम का सफल संचालन संयोजक रविराज पटेल, अभिनव कुमार, कुमार अभिषेक एवं उत्कर्ष ने किया। तीन दिवसीय इस संगोष्ठी के अंतर्गत आगामी दिनों में लखीसराय के पुरातात्विक स्थलों पर भ्रमण और शोधपरक प्रस्तुतियाँ आयोजित की जाएंगी, जिसका उद्देश्य जिले की सांस्कृतिक विरासत को पर्यटन के माध्यम से राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय पहचान दिलाना है।