शक्ति बाजार कार्यक्रम में सुनील सरला हुए सम्मानित, महिला उद्यमिता और सांस्कृतिक भागीदारी को मिला प्रोत्साहन

  • Post By Admin on Jun 14 2025
शक्ति बाजार कार्यक्रम में सुनील सरला हुए सम्मानित, महिला उद्यमिता और सांस्कृतिक भागीदारी को मिला प्रोत्साहन

मुजफ्फरपुर : चैंबर ऑफ कॉमर्स परिसर में आयोजित 'शक्ति बाजार' के दो दिवसीय आयोजन के तहत महिला उद्यमिता और सांस्कृतिक समर्पण को एक मंच पर लाकर सम्मानित किया गया। इस मेले में स्वयं सहायता समूह की दीदियों और महिला उद्यमियों द्वारा हस्तशिल्प, मधुबनी चित्रकला, लाख उद्योग और मसाला प्रसंस्करण जैसे उत्पादों की प्रदर्शनी सह बिक्री लगाई गई।

शक्ति बाजार कार्यक्रम का उद्घाटन बिहार सरकार के पंचायती राज मंत्री श्री केदार प्रसाद गुप्ता ने किया। इस दौरान, विभिन्न क्षेत्रों में उत्कृष्ट योगदान देने वाले प्रतिभागियों को शक्तिधारा परियोजना के तहत सम्मानित किया गया। कठपुतली कलाकार सुनील सरला, जो सरला श्रीवास सामाजिक सांस्कृतिक शोध संस्थान के संयोजक भी हैं, को उनके सांस्कृतिक योगदान के लिए प्रशस्ति पत्र एवं स्मृति चिन्ह से नवाज़ा गया। उनके साथ लोकगायिका अनिता कुमारी, संस्थान की युवा मंडल अध्यक्ष सुमन कुमारी, अमित कुमार और आदित्य को भी विशेष रूप से सम्मानित किया गया। सम्मान प्रदान करने वालों में डॉ. अपराजिता गोगोई, कार्यकारी निदेशक, सेंटर फॉर कैटालाइजिंग चेंज (C3), और शक्तिधारा परियोजना के अन्य पदाधिकारी उपस्थित थे।

सुनील सरला के सम्मान पर बधाई देने वालों की लंबी सूची रही। प्रगतिशील मानवाधिकार मानव सेवा संघ के पर्यावरणविद अमित कुमार, युवा साहित्यकार मुस्कान केशरी, रमेश रत्नाकर, चाइल्डसेफ के सचिव जयचंद्र कुमार, परफेक्ट सोल्यूशन सोसाइटी के सचिव अनिल कुमार ठाकुर, संजीवनी संस्थान के सचिव नदीम खान, मोहम्मद आतिफ, पीपल नीम तुलसी अभियान के संस्थापक डॉ. धर्मेन्द्र कुमार, वरीय अधिवक्ता नरेश कुमार एवं प्रधानाध्यापक बैजू कुमार ने उन्हें बधाई दी। सुनील सरला ने सम्मान मिलने पर आभार जताते हुए कहा कि सेंटर फॉर कैटालाइजिंग चेंज द्वारा संचालित शक्तिधारा परियोजना के इस आयोजन में सरला श्रीवास संस्थान की सांस्कृतिक सहभागिता को जो मान्यता मिली, वह पूरे समूह के लिए प्रेरणा का स्रोत है।

कार्यक्रम में पद्मश्री किसान चाची, प्रयत्न संस्थान के सचिव प्रभात कुमार, राहुल कुमार, अभिषेक एवं विभिन्न बैंकों के अधिकारी भी उपस्थित रहे। यह आयोजन महिला सशक्तिकरण, सांस्कृतिक विरासत और सामाजिक सहभागिता के समन्वय का प्रतीक बनकर उभरा।