श्रीनगर : शिया समुदाय ने डलगेट मार्ग पर तीन दशक बाद मुहर्रम का जुलूस निकाला

  • Post By Admin on Jul 27 2023
श्रीनगर : शिया समुदाय ने डलगेट मार्ग पर तीन दशक बाद मुहर्रम का जुलूस निकाला

श्रीनगर: श्रीनगर के डलगेट मार्ग में करीब तीन दशक से अधिक समय के अंतराल के बाद, शिया समुदाय ने बृहस्पतिवार को मुहर्रम के अवसर पर मुहर्रम जुलूस निकाला। इस जुलूस में सैकड़ों लोग भाग लिए। जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने अनुमति दी है, जिसके बाद समुदाय के सदस्यों ने जुलूस निकाला।

डलगेट मार्ग क्षेत्र से गुजरने वाले मार्ग पर जुलूस के लिए सुबह छह बजे से आठ बजे तक दो घंटे का समय दिया गया था। इसलिए सुबह करीब साढ़े पांच बजे ही गुरुबाजार में लोग एकत्र हुए। 90 के दशक में कश्मीर में आतंकवाद फैलने के बाद, मुहर्रम के जुलूस को लंबे समय तक नहीं निकाला गया था। लेकिन इस बार प्रशासन ने सुरक्षा व्यवस्था की जांच के बाद अनुमति दी है। आज के जुलूस के निकलने से पहले, कश्मीर के मंडलायुक्त वीके भिदुरी ने यह सुनिश्चित किया था कि जुलूस कार्यदिवस पर निकाला जा रहा है, इसलिए उसके लिए सुबह छह बजे से सुबह आठ बजे तक का समय तय किया गया था, जिससे लोगों को असुविधा न हो। शिया समुदाय के विचारधारा में जुलूस निकालने की मांग पिछले कुछ वर्षों से थी। पिछले 32-33 वर्षों में इसकी अनुमति नहीं थी। इस बार की अनुमति देने का प्रशासन का निर्णय ऐतिहासिक कदम साबित हो रहा है।

शिया मुस्लिम समुदाय ने आज मुहर्रम के अवसर पर धार्मिक उत्साह के साथ डलगेट मार्ग पर मुहर्रम जुलूस का आयोजन किया। इस महत्वपूर्ण पर्व के मौके पर शिया समुदाय के सदस्यों ने शोक भावनाओं के साथ मातम भी किया। जुलूस में बहुत से शिया समुदाय के लोगों ने शामिल होकर खास ध्वनि व अभिवादनों के साथ मुहर्रम के पावन पर्व को याद किया। वे भव्य शोभायात्रा के साथ रास्ते पर बढ़ते रहे और अपने प्रियजनों की याद में रुवाइए बहाते रहे। स्थानीय अधिकारियों और पुलिस की टीमों ने जुलूस की सुरक्षा को सुनिश्चित किया और उन्होंने शांतिपूर्वक आयोजन का समर्थन किया। इस धार्मिक प्रक्रिया में सभी शिरकतकर्ताओं ने कोविड-19 के बढ़ते मामलों के मद्देनजर विशेष सावधानी बरती और मास्क पहने रहने का संदेश दिया। मुहर्रम जुलूस के इस आयोजन ने शिया समुदाय के सदस्यों को एक साथ आने और अपने धार्मिक संस्कृति को याद करने का मौका प्रदान किया। इस अवसर पर समाज में सदयता और सद्भावना का संदेश देने के लिए यह एक महत्वपूर्ण कदम साबित हुआ।