शिक्षा विभाग में करोड़ों के घोटाले पर बवाल, विपक्ष ने किया समाहरणालय मार्च

  • Post By Admin on Apr 21 2025
शिक्षा विभाग में करोड़ों के घोटाले पर बवाल, विपक्ष ने किया समाहरणालय मार्च

लखीसराय : जिले में शिक्षा विभाग में करोड़ों रुपए के कथित घोटाले को लेकर राजनीतिक गर्मी बढ़ गई है। विपक्षी दलों ने इस मुद्दे पर जोरदार प्रदर्शन करते हुए विद्यापीठ चौक से समाहरणालय तक पैदल मार्च किया और सीबीआई जांच की मांग की। इस मार्च में पूर्व विधायक फुलैना सिंह, कांग्रेस जिलाध्यक्ष अमरेश कुमार अनीश, सीपीआई नेता जितेन्द्र कुमार सिंह समेत कई कार्यकर्ता शामिल हुए।

प्रदर्शन के दौरान उपमुख्यमंत्री विजय कुमार सिन्हा के खिलाफ जमकर नारेबाजी की गई। पूर्व राजद विधायक फुलैना सिंह ने आरोप लगाया कि शिक्षा विभाग में बिना काम के भुगतान का घोटाला हुआ है। उन्होंने सवाल उठाया कि लखीसराय की जनता यह जानना चाहती है कि भ्रष्टाचार मुक्त शासन का दावा करने वाले उपमुख्यमंत्री के क्षेत्र में इतना बड़ा फर्जीवाड़ा कैसे हुआ। इस मामले की सीबीआई से निष्पक्ष जांच की मांग करते हुए उन्होंने कहा कि दोषियों को सजा मिलनी चाहिए।

सीपीआई नेता जितेन्द्र कुमार सिंह ने इस घोटाले में उपमुख्यमंत्री के रिश्तेदारों का नाम सामने आने का दावा किया, जिससे यह आरोप लगाया गया कि जांच को दबाने की कोशिश की जा रही है। उन्होंने यह भी कहा कि रिकॉर्ड में बदलाव और दस्तावेजों में हेराफेरी की कोशिशें की जा रही हैं। विपक्ष ने इस मामले की जांच किसी सक्षम एजेंसी से कराने की मांग की है।

वहीं, इन आरोपों पर प्रतिक्रिया देते हुए उपमुख्यमंत्री विजय कुमार सिन्हा ने कहा कि विपक्ष के आरोप निराधार हैं। उन्होंने बताया कि जैसे ही मामला सामने आया, उन्होंने जिला पदाधिकारी, शिक्षा मंत्री और प्रधान सचिव को पत्र लिखकर निष्पक्ष जांच का आदेश दिया। उन्होंने स्पष्ट किया कि इस सरकार में भ्रष्टाचार के लिए कोई जगह नहीं है और दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

लखीसराय के जिलाधिकारी मिथलेश मिश्र ने जानकारी दी कि 84 अधिकारियों की एक टीम द्वारा पूरे मामले की जांच की जा रही है। प्रारंभिक जांच में यह सामने आया है कि 90 योजनाओं में बिना काम किए ही एमबी बुक कर भुगतान की प्रक्रिया शुरू कर दी गई थी। हालांकि, समय रहते इस पर रोक लगा दी गई है और ट्रेजरी को भुगतान न करने का निर्देश दिया गया है। साथ ही डीईओ को संबंधित एजेंसी पर प्राथमिकी दर्ज करने का आदेश भी दिया गया है।

यह मामला अब राजनीतिक और प्रशासनिक दोनों ही स्तरों पर चर्चा का विषय बन चुका है। जिले की जनता मामले की निष्पक्ष जांच और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्यवाई की उम्मीद कर रही है।