यादवचंद्र की स्मृति में कार्यक्रमों का हुआ आयोजन
- Post By Admin on Feb 17 2025

मुजफ्फरपुर : रविवार को यादवचंद्र नगर, मालीघाट स्थित दो टावर वाले प्रांगण में बिहार राज्य जनवादी सांस्कृतिक-सामाजिक मोर्चा “विकल्प” के संस्थापक साथी यादवचंद्र की स्मृति में कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस अवसर पर विभिन्न सांस्कृतिक और साहित्यिक कार्यक्रमों के जरिए साथी यादवचंद्र को श्रद्धांजलि अर्पित की गई।
कार्यक्रम की शुरुआत मालीघाट इकाई के अध्यक्ष साथी कामेश्वर प्रसाद ‘दिनेश’ द्वारा यादवचंद्र की तस्वीर पर माल्यार्पण के साथ हुई। इसके बाद सभी उपस्थित साथियों ने पुष्पांजलि अर्पित की और क्रांतिकारी सलाम पेश किया।
कार्यक्रम के पहले सत्र में साथी कृष्णनंदन सिंह ने साथी यादवचंद्र के जीवन संघर्ष और उनके शोषित-पीड़ितों के लिए किए गए कार्यों का विस्तार से वर्णन किया। उन्होंने बताया कि यादवचंद्र हमेशा शोषित वर्ग के मसीहा रहे हैं और उन्होंने समाज में व्याप्त कुरीतियों को अपने सांस्कृतिक आंदोलन के माध्यम से समाप्त करने का कार्य किया। उनके संघर्ष की गाथाओं को साझा करते हुए, साथी कृष्णनंदन ने उनके द्वारा रचित “परंपरा और विद्रोह” जैसे महाकाव्य की महत्वपूर्ण चर्चा की।
प्रो. मनोज कुमार ने यादवचंद्र को समाज के अंतिम पायदान पर खड़े लोगों की मुखर आवाज बताया, जबकि विकल्प के राज्य कमिटी सदस्य अरुण कुमार वर्मा ने यादवचंद्र के रंगमंच और अभिनय कौशल को सराहा और उन्हें बहुआयामी व्यक्तित्व वाला क्रांतिकारी बताया।
सामाजिक कार्यकर्ता चंद्रमोहन प्रसाद ने कहा कि यादवचंद्र ने हमेशा मेहनतकशों के हक के लिए संघर्ष किया और उनका जीवन संघर्ष आज भी प्रासंगिक है। सांस्कृतिक कार्यकर्ता दिवाकर घोष ने यादवचंद्र को शोषितों और पीड़ितों का नायक बताते हुए उनके विचारों को जनमानस तक पहुंचाने की आवश्यकता पर बल दिया।
दूसरे सत्र में कवि गोष्ठी का आयोजन किया गया। जिसमें महफूज़ अहमद आरिफ, उमेश राज, अभय कुमार ‘शब्द’, बैजू कुमार, अली अहमद मंजर और कुमार विरल जैसे कवियों ने अपनी रचनाओं के माध्यम से राजनीतिक और सामाजिक मुद्दों पर अपनी आवाज उठाई। इन कवियों ने समाज में व्याप्त अन्याय और शोषण के खिलाफ अपनी काव्य रचनाओं के जरिए प्रहार किया।
तीसरे सत्र में सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। जिसमें साथी अद्वित द्वारा सफ़दर हाशमी की कविता “किताबें करती है बातें…” से शुरुआत की गई। इसके बाद “भईया हो भईया मजदूर भईया” गीत के साथ साथी कृति ने मेहनतकश के दर्द को उकेरा। इसके बाद नृत्य “सब दुख भागल” की प्रस्तुति ने किसानों के जीवन संघर्ष को चित्रित किया।
विकल्प की नवोदित इकाई के नन्हे कलाकारों ने नाटक “सपनों की उड़ान” की प्रस्तुति दी। जिसमें नशाखोरी, जुआ और घरेलू हिंसा पर प्रकाश डाला गया, साथ ही नारी शिक्षा पर जोर दिया गया। इसके अलावा मालीघाट इकाई के साथियों ने साथी यादवचंद्र द्वारा लिखित कविता का नाट्य रूपांतर कर “नवीन मनोहर पोथी” की प्रस्तुति दी, जिसमें स्कूली व्यवस्था, सरकारी उदासीनता और देश के पूंजीपतियों की मंशा का पर्दाफाश किया गया। कार्यक्रम के समापन पर मालीघाट इकाई के अध्यक्ष साथी कामेश्वर प्रसाद ‘दिनेश’ ने धन्यवाद ज्ञापन करते हुए सभी का आभार व्यक्त किया।