नल-जल योजना में लापरवाही से परेशान गरीब, पूर्व मंत्री ने की डीएम से त्वरित कार्यवाही की मांग
- Post By Admin on Jun 27 2025

मुजफ्फरपुर : राज्य की महत्वाकांक्षी हर घर नल-जल योजना की बदहाल स्थिति को लेकर मड़वन प्रखंड में लोगों का आक्रोश फूट पड़ा है। शुक्रवार को पूर्व मंत्री और भाजपा के वरिष्ठ नेता ई. अजीत कुमार ने मखदुमपुर कोदरिया, खलीलपुर नोनिया टोला, खलीलपुर मठ टोला और बोड़बारा गांव में आयोजित जनसंवाद कार्यक्रमों में भाग लेकर ग्रामीणों की समस्याएं सुनीं और कई मामलों में मौके पर ही अधिकारियों से बात कर समाधान कराया।
गरीबों को नहीं मिल रहा शुद्ध पेयजल
कार्यक्रम के दौरान बड़ी संख्या में ग्रामीणों ने पूर्व मंत्री के समक्ष शिकायत की कि क्षेत्र में नल-जल योजना पूरी तरह से जर्जर हो चुकी है और शुद्ध पेयजल मिलना एक सपना बन गया है। विद्युत विभाग की लापरवाही, सामाजिक सुरक्षा पेंशन से वंचित पात्र लाभार्थी और मतदाता सूची में नाम जोड़ने में बीएलओ की टालमटोल जैसी समस्याएं भी ग्रामीणों ने खुलकर रखीं।
अधिकारियों को लगाई फटकार
पूर्व मंत्री अजीत कुमार ने लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग और विद्युत विभाग के अधिकारियों से फोन पर बात कर चेतावनी दी कि सरकार की योजनाओं को लापरवाही की भेंट न चढ़ाएं। उन्होंने कहा कि कोदरिया, खलीलपुर और बोड़बारा जैसे गरीब बहुल गांवों में शुद्ध पेयजल की सुविधा तुरंत बहाल की जाए और किसानों को खरीफ सीजन से पहले एग्रीकल्चर कनेक्शन उपलब्ध कराना सुनिश्चित किया जाए।
सरकार की सोच, व्यवस्था की शिथिलता
श्री कुमार ने कहा, "सरकार की मंशा हर घर तक नल का जल पहुंचाने की है, लेकिन अधिकारियों की शिथिलता ने इस योजना को मज़ाक बना दिया है।" उन्होंने जिलाधिकारी से अनुरोध किया कि इन मामलों में तत्काल संज्ञान लें और दोषी पदाधिकारियों पर कार्रवाई सुनिश्चित करें।
स्थानीय विधायक पर भी साधा निशाना
पूर्व मंत्री ने स्थानीय विधायक पर निशाना साधते हुए कहा कि कांटी क्षेत्र की गरीब बस्तियां मूलभूत सुविधाओं से अब भी वंचित हैं, जो प्रतिनिधित्व की विफलता को दर्शाता है।
जनसंवाद में उमड़ा जनसमर्थन
कार्यक्रम की अध्यक्षता मोहम्मद शमीम ने की। मौके पर सामाजिक कार्यकर्ता जयकिशन चौहान, सुन्देश्वर चौहान, शंभु महतो, लच्छू महतो, हरिनंदन राम, विनोद शर्मा, परशुराम राम, उमेश सिंह, शंकर पासवान, भोला शुक्ला, अमरनाथ ठाकुर समेत कई जनप्रतिनिधियों और ग्रामीणों ने अपनी उपस्थिति दर्ज कराई और जनसमस्याओं पर जोरदार चर्चा की।
यह जनसंवाद कार्यक्रम न सिर्फ लचर व्यवस्था के खिलाफ एक जनजागरण का प्रतीक बना, बल्कि प्रशासन को भी अपनी जिम्मेदारी याद दिलाने का संदेश दे गया।