बीएचयू में कवि डॉ. संजय पंकज को मिला जयशंकर प्रसाद सम्मान, साहित्य जगत में हर्ष की लहर
- Post By Admin on Mar 26 2025

वाराणसी : काशी हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू) के हिंदी विभाग और विश्व हिंदी शोध संवर्धन अकादमी के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित आधुनिक कविता में राष्ट्रीय चेतना विषयक दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी में चर्चित साहित्यकार और गीतकार डॉ. संजय पंकज को 'जयशंकर प्रसाद सम्मान' से सम्मानित किया गया।
आचार्य रामचंद्र शुक्ल सभागार में हुए इस भव्य आयोजन में डॉ. पंकज को प्रशस्ति पत्र, स्मृति चिन्ह, पुष्पमाल्य, चादर और साहित्यिक कृतियों के साथ सम्मानित किया गया। इस दौरान बीएचयू हिंदी विभागाध्यक्ष डॉ. वशिष्ठ अनूप, केशव जालान भाईजी, भोलानाथ त्रिपाठी विह्वल, डॉ. राम सुधार सिंह, डॉ. चंद्रकांता राय समेत देशभर के प्रतिष्ठित साहित्यकार मौजूद रहे।
डॉ. संजय पंकज के रचनात्मक अवदान को सराहा गया
कार्यक्रम में वक्ताओं ने डॉ. संजय पंकज के साहित्यिक योगदान की जमकर सराहना की। आलोचक डॉ. राम सुधार सिंह ने कहा, "डॉ. पंकज साहित्य की लगभग सभी विधाओं में निरंतर सक्रिय हैं। उनके गीत छंद, भाषा और शिल्प की कसौटी पर खरे उतरते हैं। उन्हें हिंदी कविता के शिखर पुरुष आचार्य जानकीवल्लभ शास्त्री का स्नेह और सान्निध्य भी प्राप्त रहा है।" वरिष्ठ साहित्यकार हीरालाल मिश्र मधुकर ने कहा, "डॉ. पंकज आज भारतीय साहित्य जगत में एक सशक्त और समर्पित रचनाकार के रूप में पहचान बना चुके हैं। वे भारतीय संस्कृति, मानवीय मूल्य और विश्वबंधुत्व को अपनी लेखनी में प्रभावशाली ढंग से अभिव्यक्त करते हैं।"
लोकार्पण के मंच से रचनाओं की गूंज
इस अवसर पर डॉ. संजय पंकज ने विभिन्न रचनाओं 'कोटारानी (उपन्यास)', 'वीरभोग्या वसुंधरा (महाकाव्य)', 'श्रीरामलीला दर्शन (गीतिकाव्य)' और 'कस्तूरी गंध (ग़ज़ल संग्रह)' का लोकार्पण भी किया। सम्मान ग्रहण करते हुए डॉ. पंकज ने भावुक होते हुए कहा, "काशी की पावन धरती और बाबा विश्वनाथ का आशीर्वाद मुझे मिला है। यह सम्मान मेरे लिए साहित्य और समाज के प्रति समर्पण की संजीवनी है।"
अद्वितीय साहित्यिक सफर
गौरतलब है कि डॉ. संजय पंकज की कृतियां 'यवनिका उठने तक', 'मंजर-मंजर आग लगी है', 'यहां तो सब बंजारे', 'मां है शब्दातीत', 'समय बोलता है', 'मौसम लेता अंगड़ाई', 'बजे शून्य में अनहद बाजा' समेत कई चर्चित संग्रहों में शामिल हैं। उनके लेखन को राष्ट्रीय स्तर पर कई पुरस्कार और सम्मान मिल चुके हैं।
शुभकामनाओं का लगा तांता
सम्मान समारोह में डॉ. महेंद्र मधुकर, डॉ. इंदु सिन्हा, डॉ. शारदाचरण, डॉ. रामप्रवेश सिंह, कुमार विरल, विजय शंकर मिश्र, पुष्पा प्रसाद, वंदना विजय लक्ष्मी, विकास नारायण उपाध्याय समेत तमाम साहित्यकारों, समाजसेवियों और शिक्षाविदों ने डॉ. पंकज को बधाइयां दीं।
साहित्य प्रेमियों के बीच यह आयोजन लंबे समय तक यादगार बना रहेगा, जहां साहित्य, संस्कृति और संवेदना का अद्भुत संगम देखने को मिला।