कवि गोष्ठी का आयोजन, समाज में जागृति का संदेश

  • Post By Admin on Nov 25 2024
कवि गोष्ठी का आयोजन, समाज में जागृति का संदेश

लखीसराय : रविवार को स्थानीय प्रभात चौक स्थित भारती निकेतन के सभागार में जिला हिंदी साहित्य सम्मेलन लखीसराय की ओर से एक सजीव कवि गोष्ठी का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम की अध्यक्षता कार्यकारी अध्यक्ष राम बालक सिंह ने की। संचालन की जिम्मेदारी सचिव देवेंद्र आजाद ने निभाई और सभी आगत कवियों का स्वागत जिला संगठन मंत्री अरविंद कुमार भारती ने किया। इस अवसर पर कई प्रतिष्ठित कवियों ने अपनी रचनाओं के माध्यम से समाज में व्याप्त कुरीतियों और समस्याओं पर प्रकाश डाला ताकि जनता में जागरूकता आए और हम एक बेहतर समाज और राष्ट्र का निर्माण कर सकें।

कवियों द्वारा प्रस्तुत रचनाओं में देवेंद्र सिंह आजाद की रचना "पहले चुनाव जनतंत्र की आत्मा थी, अब यह श्रृंगार है" ने विशेष ध्यान आकर्षित किया। वहीं, भोला पंडित ने अपनी लोकधारा आधारित रचना में समाज के बदलाव की तस्वीर पेश की "पगहा में बांधल हुंकरै लेरू, माय लगहर गाय गे। मन हमरो हुंकरै वैसे, तोहरा देखै ले माय गे।"

जीवन पासवान ने अपनी रचना में राजनीति की हकीकत को दर्शाया "पक्ष विपक्ष नेता सब का एक जैसा है ढंग, मौका प्रस्त नेता बदले गिरगिट जैसा रंग।" बलजीत कुमार ने समाज के स्वार्थी स्वभाव को उजागर किया "लोग भी कितने मतलबी होते हैं।" सिद्धेश्वर प्रसाद सिंह ने बच्चों की मोबाइल आदत पर चिंता जताते हुए कहा "नेक इरादे सब है न्यारे, बच्चों के मोबाइल बन गए सरदर्द हमारे।" अरविंद कुमार भारती ने राष्ट्र सेवा में योगदान देने वाले वीर सैनिकों को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए अपनी रचना प्रस्तुत की "देश के सपूत वीर देश के जवान, आ रहे हैं दूर्दिन हो जाओ सावधान। "राजकुमार जी की रचना "क्रिकेट खेलने एक तपस्या से कम नहीं है, दिख जाता है की किस में कितना दम है" ने खेलों में मेहनत और समर्पण की आवश्यकता पर जोर दिया।

कार्यक्रम के अंत में सचिव देवेंद्र आजाद ने सभी से आग्रह किया कि वे नए-नए कवियों को जोड़ें ताकि हिंदी साहित्य सम्मेलन की गरिमा में वृद्धि हो सके। नवल कंठ के प्रधान संपादक अरविंद कुमार भारती ने सभी कवियों से अपनी रचनाओं को शीघ्र प्रस्तुत करने की अपील की ताकि नवल कंठ पत्रिका का शीघ्र प्रकाशन किया जा सके।