उत्तरकाशी त्रासदी : राष्ट्रपति ने जताया दुख, सेना-एनडीआरएफ ने अब तक 20 लोगों को किया रेस्क्यू
- Post By Admin on Aug 05 2025

उत्तरकाशी : उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले में मंगलवार को आई प्राकृतिक आपदा ने जनजीवन को बुरी तरह झकझोर दिया है। धराली गांव के पास दोपहर करीब 1:45 बजे बादल फटने की घटना में अब तक चार लोगों की मौत की पुष्टि हुई है, जबकि कई लोग लापता बताए जा रहे हैं। सेना, एनडीआरएफ और एसडीआरएफ के जवान युद्धस्तर पर राहत और बचाव कार्य में जुटे हुए हैं। इस बीच राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस त्रासदी पर गहरा शोक प्रकट करते हुए पीड़ित परिवारों के प्रति संवेदना जताई है।
राष्ट्रपति मुर्मू ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर संवेदना प्रकट करते हुए लिखा, "उत्तरकाशी में बादल फटने की घटना का समाचार अत्यंत दुखद है। पीड़ित परिवारों के प्रति मैं संवेदना व्यक्त करती हूं और राहत तथा बचाव कार्यों में सफलता की कामना करती हूं।"
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से बात कर हालात की जानकारी ली और केंद्र सरकार की ओर से हरसंभव मदद का भरोसा दिलाया। मुख्यमंत्री ने बताया कि राज्य सरकार, एसडीआरएफ, सेना और स्थानीय प्रशासन मिलकर रेस्क्यू ऑपरेशन चला रहे हैं।
सेना का त्वरित एक्शन, 20 लोगों का सफल रेस्क्यू
धराली में तैनात भारतीय सेना की यूनिट ने मुस्तैदी दिखाते हुए महज 10 मिनट के भीतर मौके पर पहुंचकर राहत कार्य शुरू कर दिया। लेफ्टिनेंट कर्नल मनीष श्रीवास्तव ने बताया कि भारी बारिश और मलबे के बीच अब तक 20 लोगों को सुरक्षित निकाला जा चुका है, जबकि लापता लोगों की तलाश जारी है।
मंत्री सतपाल महाराज का बयान
घटना को लेकर उत्तराखंड सरकार में कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज ने कहा, "यह अत्यंत हृदय विदारक घटना है। राज्य सरकार युद्धस्तर पर राहत एवं बचाव कार्य में जुटी है। मुख्यमंत्री धामी खुद पूरे मामले पर नजर बनाए हुए हैं। सिंचाई और लोक निर्माण विभाग समेत तमाम एजेंसियां मौके पर कार्यरत हैं।"
उन्होंने यह भी बताया कि 80 साल पहले भी इस क्षेत्र में ऐसी ही त्रासदी हुई थी।
रेस्क्यू में जुटी हैं तमाम एजेंसियां
आईटीबीपी की दो टीमें, एनडीआरएफ और सेना के 80 जवान राहत कार्यों में लगे हुए हैं। गांव के कई घरों को नुकसान पहुंचा है और ग्रामीणों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा रहा है।
उत्तरकाशी में लगातार बारिश के कारण राहत कार्यों में बाधा जरूर आ रही है, लेकिन सभी एजेंसियां समन्वय के साथ स्थिति को नियंत्रित करने में जुटी हैं।