प्रेम की विरह साधना पुस्तक का हुआ भव्य लोकार्पण

  • Post By Admin on Jun 02 2024
प्रेम की विरह साधना पुस्तक का हुआ भव्य लोकार्पण

मुजफ्फरपुर : कविता फाउंडेशन के तत्वावधान में कृष्ण कुमार चौधरी की पुस्तक 'प्रेम की विरह साधना' का भव्य लोकार्पण वास्तुकी के सभागार, कलम बाग रोड पर संपन्न हुआ। इस अवसर पर दीप प्रज्वलन और सरस्वती की प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित करने के उपरांत सरस्वती वंदना की गई। पुस्तक का लोकार्पण डॉ. महेंद्र मधुकर, डॉ. संजय पंकज, डॉ. पूनम सिंह, डॉ. विजय शंकर मिश्र और सुमन सिंह ने संयुक्त रूप से किया।

मुख्य अतिथि डॉ. महेंद्र मधुकर ने पुस्तक की प्रशंसा करते हुए कहा कि कृष्ण कुमार चौधरी की यह रचना एक प्रेमी के निश्छल हृदय की आर्त पुकार है, जिसमें उन्होंने अपनी भावनाओं को गहराई से अभिव्यक्त किया है। डॉ. संजय पंकज ने कहा कि कृष्ण कुमार चौधरी प्रेम की पराकाष्ठा को अपने लेखन में संजोए हुए हैं, जिसमें प्रेम, दर्शन, समाज, प्रकृति और परंपरा की झलक मिलती है।

डॉ. पूनम सिंह ने कहा कि यह पुस्तक प्रेम और बिछोह के बीच के करुण भाव को अत्यंत संवेदनशील तरीके से प्रस्तुत करती है। छोटे-छोटे आलेखों के माध्यम से लेखक ने जीवन के संघर्ष और यथार्थ को चिंतनशील और प्रेरक बना दिया है। सुमन सिंह ने कहा कि प्रेम जीवन को उदात्त बनाता है और इस पुस्तक में लेखक ने प्रेम और आध्यात्मिक भाव को बेबाकी से अभिव्यक्त किया है।

डॉ. विजय शंकर मिश्र ने कहा कि इस पुस्तक में कृष्ण कुमार चौधरी ने अपने जीवन में प्रेम को विभिन्न रूपों में महसूस किया है और सरल भाषा में उसे अभिव्यक्त किया है। डॉ. अनु शांडिल्य ने कहा कि दांपत्य जीवन का बिछोह कितना दुखद होता है, इसे इस पुस्तक से अनुभव किया जा सकता है।

आभार व्यक्त करते हुए कृष्ण कुमार चौधरी ने कहा कि विरह प्रेम का आधार है और अंधकार के बिना प्रकाश का कोई अस्तित्व नहीं है। उन्होंने कहा कि विरह में प्रेम परिपक्व होता है और मैंने अपने जीवन में प्रेम और विरह दोनों को गहराई से महसूस किया है।

समारोह का संचालन संजय पंकज ने किया और धन्यवाद ज्ञापन ई. आर के सिंह ने किया। इस अवसर पर भारत विकास परिषद पूर्वी क्षेत्र की अध्यक्ष सुमन सिंह, अवकाश प्राप्त आईएएस डॉ. संजय कुमार, डॉ. नवनीत शांडिल्य, डॉ. केशव किशोर कनक, डॉ. अनु शांडिल्य, सुधीर कुमार सहित कई गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।