मां-बेटी ने डीएम से की अभद्रता, तत्काल हिरासत में लेकर पुलिस ने किया चालान

  • Post By Admin on Dec 09 2024
मां-बेटी ने डीएम से की अभद्रता, तत्काल हिरासत में लेकर पुलिस ने किया चालान

मैनपुरी : उत्तर प्रदेश के मैनपुरी जिले से एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है। जिसमें एक महिला और उसकी बेटी ने जिलाधिकारी (डीएम) अंजनी कुमार सिंह के सामने अभद्रता की और जानलेवा धमकी दी। इसके बाद डीएम ने दोनों को पुलिस हिरासत में लेने का आदेश दिया और उन्हें थाने भेज दिया गया। यह घटना तहसील दिवस के दौरान हुई। जब महिला अपनी भूमि विवाद के मामले में डीएम से शिकायत करने आई थी।

शनिवार को मैनपुरी के किशनी में तहसील सभागार में डीएम अंजनी कुमार सिंह और एसपी विनोद कुमार सिंह जन शिकायतें सुन रहे थे। इस दौरान बहरामऊ की निवासी राधा देवी अपनी भूमि पर अवैध कब्जे के मामले को लेकर डीएम से मिली। राधा देवी ने आरोप लगाया कि गांव के कुछ दबंगों ने उसकी भूमि पर कब्जा कर लिया है। जबकि राजस्व निरीक्षक ने उस पर निशान लगाकर पैमाइश की थी।

डीएम अंजनी कुमार सिंह ने महिला को बताया कि उसका मामला पहले ही एसडीएम कोर्ट में लंबित है और उसे कोर्ट में ही समाधान की दिशा में कदम उठाने होंगे। इस पर महिला और उसकी बेटी ने डीएम से बहस करनी शुरू कर दी और स्थिति इतनी बढ़ गई कि महिला ने डीएम से आंखों में आंख डालकर धमकी दी, “यहीं जान दे दूंगी।” यह बात सुनते ही जिलाधिकारी बौखला उठे और उन्होंने तुरंत पुलिस को आदेश दिया कि दोनों को हिरासत में लिया जाए।

महिला की धमकी के बाद जिलाधिकारी ने तत्काल कार्रवाई करते हुए पुलिस को आदेश दिया कि दोनों महिलाओं को थाने भेजा जाए। पुलिस ने तुरंत महिला और उसकी बेटी को गिरफ्तार किया और उन्हें शांति भंग के आरोप में थाने ले जाकर चालान कर दिया।

इस पूरे घटनाक्रम में एसडीएम गोपाल शर्मा ने भी बयान दिया कि महिला का मामला पहले ही कोर्ट में लंबित है और वह बार-बार धमकी देने के बावजूद कानून के पालन में ढील देने को तैयार नहीं थीं।

यह मामला सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो गया है। महिला और उसकी बेटी की गिरफ्तारी की खबर ने लोगों का ध्यान आकर्षित किया है। जहां एक ओर कुछ लोग इस कार्रवाई को सही मान रहे हैं। वहीं दूसरी ओर कुछ ने इसे पुलिस द्वारा अत्यधिक सख्ती बरतने का मामला बताया है।

इस घटना के बाद जिलाधिकारी अंजनी कुमार सिंह ने मामले पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि उन्होंने किसी को जेल भेजने का आदेश नहीं दिया था। उन्होंने यह भी कहा कि महिला और उसकी बेटी को पूरी बात समझाई गई थी और उन्हें आश्वासन दिया गया था कि मामले की जांच के बाद उचित कार्रवाई की जाएगी। हालांकि, दोनों महिलाओं ने कोई भी बात सुनने से इंकार कर दिया और बार-बार धमकियां देने लगीं। जिसके बाद एतिहातन उन्हें थाने भेजा गया।