बिहार के 9 जिलों में मिला खनिज भंडार, कॉपर-जिंक, बेशकीमती पत्थर और अन्य महत्वपूर्ण खनिज पाए गए
- Post By Admin on Oct 26 2024

पटना : बिहार के 9 जिलों में खनिज भंडार की मौजूदगी की पुष्टि हुई है। भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण (जीएसआई) ने अपनी हालिया रिपोर्ट में इसका खुलासा किया है, जिसमें भागलपुर, बांका, मुंगेर, जमुई, बेगूसराय, आरा, गया, नालंदा और नवादा जिलों में महत्वपूर्ण खनिज संसाधन पाए गए हैं। बिहार सरकार को सौंपे गए इस सर्वेक्षण के अनुसार, इन जिलों में तांबा, जस्ता, बेशकीमती पत्थर, अभ्रक, चूना-पत्थर और अन्य खनिज पदार्थों का भंडार है।
मुख्य खनिज क्षेत्र और अनुमानित संसाधन
भागलपुर और बांका जिलों में तांबा (कॉपर) और जस्ता (जिंक) के भंडार मिलने की संभावना है। बांका के कटसकरा-झिलुआ क्षेत्र में 70 किमी की लंबाई में कॉपर, जिंक और लेड (शीशा) के होने का अनुमान है। इन क्षेत्रों से जीएसआई ने 35 भू-रासायनिक और 25 पेट्रोलॉजिकल नमूने एकत्र किए थे।
मुंगेर और जमुई में बेशकीमती पत्थरों का खजाना मिलने का अनुमान है। मुंगेर के खड़गपुर क्षेत्र में क्वार्ट्ज, ग्रेनाइट, स्लेट, और अभ्रक जैसे महत्वपूर्ण खनिज पदार्थ हैं। क्वार्ट्ज की कीमत अधिक होती है और इसका इस्तेमाल विभिन्न औद्योगिक क्षेत्रों में किया जाता है। जमुई की पहाड़ियाँ भी खनिज संसाधनों से समृद्ध हैं, जहां फॉल्ट ब्रेशिया, क्वार्ट्जाइट और अन्य महत्वपूर्ण खनिजों के संकेत मिले हैं।
नालंदा जिले की राजगीर की पहाड़ियों में सफेद अभ्रक और भोजपुर में कैमूर श्रेणी में चूना-पत्थर और सिलिका का भंडार है। नवादा में आंशिक रूप से सोने (गोल्ड) के संकेत भी मिले हैं, वहीं बेगूसराय में ब्लैक क्ले और गया जिले में अभ्रक के भंडार होने की संभावना है।
सर्वेक्षण को मिली मंजूरी
सेंट्रल जियोलॉजिकल प्लानिंग बोर्ड ने जियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया को बिहार एवं झारखंड के 15 जिलों में खनिज संसाधनों का पता लगाने की अनुमति दी है। इस सर्वे में पर्यावरणीय भूगर्भशास्त्र और प्राकृतिक संसाधनों का अध्ययन भी शामिल है।
राज्य के विकास में नई उम्मीद
यह खनिज भंडार बिहार के विकास के लिए महत्वपूर्ण साबित हो सकता है। इससे राज्य के औद्योगिक और आर्थिक विकास को गति मिल सकती है, और रोजगार के नए अवसर उत्पन्न हो सकते हैं।