महाकुंभ में जैविक खेती और नाट्य शिक्षक बहाली पर लोक पंच की प्रस्तुति

  • Post By Admin on Feb 22 2025
महाकुंभ में जैविक खेती और नाट्य शिक्षक बहाली पर लोक पंच की प्रस्तुति

प्रयागराज : महाकुंभ में शनिवार को लोक पंच, पटना की ओर से दो प्रभावशाली नाटकों का मंचन किया गया, जिसने दर्शकों को सोचने पर मजबूर कर दिया। झूसी, प्रयागराज के गंगा तट पर हजारों श्रद्धालुओं और दर्शकों के बीच जैविक खेती पर केंद्रित नाटक "कातिल खेत" और नाट्य शिक्षा को लेकर "नाट्य शिक्षक की बहाली" का प्रभावशाली मंचन किया गया।  

नाटक "कातिल खेत" में आधुनिक कृषि पद्धति के नाम पर रासायनिक खाद और कीटनाशकों के अंधाधुंध प्रयोग से किसानों और पर्यावरण पर पड़ रहे दुष्प्रभावों को मार्मिक ढंग से प्रस्तुत किया गया। नाटक में दिखाया गया कि अधिक उत्पादन की लालसा में किसान इन हानिकारक रसायनों का प्रयोग कर अपनी ही जमीन को बंजर बना रहे हैं और साथ ही लोगों को जहरीला अन्न परोस रहे हैं। इस कारण खेती अब फायदे का नहीं बल्कि घाटे का सौदा बनती जा रही है, जिससे कई किसान आत्महत्या करने पर मजबूर हो रहे हैं। हास्य और व्यंग्य के माध्यम से यह संदेश दिया गया कि पारंपरिक जैविक खेती ही टिकाऊ और स्वस्थ भविष्य की कुंजी है।  

इसके बाद लोक पंच के कलाकारों ने नुक्कड़ नाटक "नाट्य शिक्षक की बहाली" का मंचन किया, जिसमें बिहार के स्कूल और कॉलेजों में नाट्य शिक्षक की बहाली की मांग को प्रमुखता से उठाया गया। नाटक के माध्यम से बताया गया कि रंगमंच सिर्फ मनोरंजन का साधन नहीं, बल्कि शिक्षा और समाज में बदलाव का एक महत्वपूर्ण जरिया है। कलाकारों ने मांग की कि सरकार नाट्य शिक्षा को अनदेखा न करे और इसे शैक्षणिक संस्थानों में अनिवार्य रूप से लागू करे।  

इस मंचन में मनीष महिवाल, सोनल कुमारी, अरविंद कुमार, कृष्ण देव, मनोज शुक्ला, राज कपूर, अजीत कुमार, अभिषेक राज और रोहित कुमार जैसे कलाकारों ने बेहतरीन अभिनय किया। संगीत में अभिषेक राज, रोहित चंद्र (हारमोनियम), मनोज शुक्ला (नाल), अभिषेक राज (खंजरी) का योगदान रहा, जबकि प्रकाश व्यवस्था राम प्रवेश और रूप-सज्जा सोनल ने संभाली।  

लेखक इश्तियाक अहमद और निर्देशक मनीष महिवाल के नेतृत्व में प्रस्तुत इन नाटकों को दर्शकों ने खूब सराहा। लोक पंच की इस प्रभावशाली प्रस्तुति ने महाकुंभ में आए लोगों को समाज के गंभीर मुद्दों पर विचार करने के लिए मजबूर कर दिया।