बिजली सी रफ्तार, भेड़ों की भिड़ंत, गरहां मेले में ग्रामीण खेलों और परंपराओं का रंगारंग संगम

  • Post By Admin on Apr 13 2025
बिजली सी रफ्तार, भेड़ों की भिड़ंत, गरहां मेले में ग्रामीण खेलों और परंपराओं का रंगारंग संगम

मुजफ्फरपुर: बिजली की रफ्तार से दौड़ते घोड़े, ज़ोरदार भेड़ टक्कर की गूंज और हजारों की भीड़ का उत्साह... रविवार को गरहां हथौड़ी मार्ग स्थित सनाठी गांव का श्री अर्जुन बाबू पशु मेला परंपरा और रोमांच का ऐसा अद्भुत संगम बना, जिसने लोगों के दिलों में पुरानी विरासत की छवि को फिर से जीवित कर दिया। यह मेला न केवल मनोरंजन का माध्यम रहा, बल्कि ग्रामीण खेलों और सांस्कृतिक पहचान को संजोने का एक सशक्त प्रयास भी साबित हुआ।

पूरे दिन दर्शकों की तालियों से गूंजता रहा मेला मैदान। घुड़ दौड़ और भेड़ टक्कर जैसी पारंपरिक प्रतियोगिताओं ने लोगों को दांतों तले उंगलियां दबाने को मजबूर कर दिया। घोड़े बिजली की रफ्तार से दौड़ते नजर आए, तो भेड़ों की भिड़ंत में दमखम और रणनीति दोनों का अद्भुत प्रदर्शन देखने को मिला। नेपाल से लेकर मोतिहारी तक के प्रतिभागी इसमें शामिल हुए और दर्शकों का खूब मनोरंजन किया।

भारत सरकार के गृह राज्यमंत्री नित्यानंद राय ने विजेताओं को पुरस्कार वितरित करते हुए इस आयोजन की सराहना की और कहा कि ऐसी पहलें न सिर्फ हमारी संस्कृति को सहेजती हैं, बल्कि नई पीढ़ी को अपनी जड़ों से जोड़ती हैं। उन्होंने आयोजक औराई विधायक रामसूरत राय के प्रयासों की विशेष सराहना करते हुए कहा कि ऐसे आयोजन ग्रामीण भारत की आत्मा को स्पर्श करते हैं। रामसूरत राय ने कहा कि उनका उद्देश्य केवल प्रतियोगिताएं कराना नहीं, बल्कि लुप्त होती परंपराओं को जनचेतना से जोड़ना है। उन्होंने आयोजन समिति के सभी सदस्यों और प्रतिभागियों को धन्यवाद देते हुए कहा कि यह मेला एक सांस्कृतिक आंदोलन का रूप ले चुका है, जो गांव-गांव तक जागरूकता की लौ लेकर पहुंचेगा।

मेले में समाजसेवी सुभाष यादव, भरत राय, हंसलाल राय, राकेश यादव, तारकेश यादव, मिथलेश कुमार, शिवाजी राय समेत सैकड़ों ग्रामीण और जनप्रतिनिधि शामिल हुए और इस पारंपरिक आयोजन का भरपूर आनंद लिया। गरहां मेला एक बार फिर यह साबित करने में सफल रहा कि हमारी सांस्कृतिक विरासत अभी भी जीवित है और उसमें आज भी लोगों को जोड़ने की ताकत है।