लखीसराय फ़िल्म महोत्सव 2025 : सितारों के संग सिने उत्सव का रंगारंग आग़ाज़

  • Post By Admin on Dec 03 2025
लखीसराय फ़िल्म महोत्सव 2025 : सितारों के संग सिने उत्सव का रंगारंग आग़ाज़

लखीसराय : लखीसराय फ़िल्म महोत्सव के दूसरे संस्करण ने बुधवार को वंदे मातरम की गूँज के साथ भव्य शुरुआत की। शुरुआती सत्र में भारत के प्रथम राष्ट्रपति डॉ. राजेंद्र प्रसाद पर आधारित वृत्तचित्र और प्रकाश झा द्वारा निर्देशित चर्चित फ़िल्म ‘परीक्षा’ के प्रदर्शन ने दर्शकों को बाँधे रखा।

महोत्सव का शुभारंभ बिहार राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष अप्सरा मिश्रा, सदस्या पिंकी कुशवाहा, ज़िलाधिकारी मिथिलेश मिश्र, आरक्षी अधीक्षक अजय कुमार, भवन निर्माण विभाग के विशेष सचिव तथा बापू टॉवर निदेशक विनय कुमार, इम्पा अध्यक्ष अभय कुमार सिन्हा, अभिनेत्री अनुरिता झा, अभिनेता मोहित मट्टू, वरिष्ठ फ़िल्म समीक्षक अजय ब्रह्मात्मज, फ़िल्मकार रवि शेखर एवं महोत्सव संयोजक रविराज पटेल ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्ज्वलित कर किया।

नई प्रतिभाओं के लिए सशक्त मंच: अनुरिता झा

उद्घाटन सत्र में अभिनेत्री अनुरिता झा ने लखीसराय में इस आयोजन को “नई प्रतिभाओं के लिए प्रेरक अवसर” बताया। कटिहार से करियर शुरू कर फ़ैशन, मॉडलिंग, फ़िल्म और ओटीटी जगत में अपनी पहचान बनाने वाली अनुरिता ने कहा कि ऐसे आयोजनों से युवाओं को दिशा और ऊर्जा मिलती है।

वरिष्ठ समीक्षक अजय ब्रह्मात्मज द्वारा संचालित मास्टर क्लास में अनुरिता ने छात्रों के साथ खुलकर संवाद किया।

“बिहार बदल रहा है” — अभिनेता मोहित मट्टू

दूसरे संवाद सत्र में अभिनेता मोहित मट्टू और फ़िल्मकार रवि शेखर की बातचीत ने दर्शकों को उत्साहित रखा। पहली बार बिहार आए मोहित मट्टू ने कहा कि यहाँ के माहौल और महोत्सव की भव्यता ने उन्हें “हैरान और प्रभावित” किया है। उन्होंने भविष्य में बिहार में फ़िल्म शूट करने की योजना भी जताई।

राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष अप्सरा मिश्रा ने महिलाओं पर आधारित फ़िल्मों के लिए विशेष आयोजन कराने में मार्गदर्शन का प्रस्ताव भी रखा।

तीन स्थलों पर फ़िल्म प्रदर्शन, दो हज़ार बच्चों की सहभागिता

लखीसराय संग्रहालय, राज सिनेमा और महादेव टॉकीज में पूरे दिन फ़िल्म प्रदर्शन चला। परीक्षा, वॉटर बेरीयल, एक था गाँव, न्यूटन और गांधी जैसी चर्चित फ़िल्मों ने दर्शकों का ध्यान खींचा।

तीनों स्थलों पर लगभग दो हज़ार बच्चे सत्रों में शामिल हुए, जिससे महोत्सव का माहौल जीवंत और उत्साहपूर्ण बना रहा।

अतिथियों का सम्मान और प्रेरक संबोधन

अतिथियों का स्वागत महोत्सव निदेशक व ज़िलाधिकारी मिथिलेश मिश्र ने किया, जबकि धन्यवाद ज्ञापन संयोजक रविराज पटेल ने प्रस्तुत किया।
अपने संबोधन में ज़िलाधिकारी ने बिहार सरकार की फ़िल्म प्रोत्साहन नीति पर विस्तृत जानकारी देते हुए कहा कि ऐसे आयोजनों से राज्य में सिनेमा संस्कृति को नई दिशा मिल रही है।

अतिथियों ने डॉ. राजेंद्र प्रसाद की जयंती के अवसर पर पुष्पांजलि अर्पित की एवं हाल ही में दिवंगत हुए अभिनेता धर्मेंद्र के सम्मान में मौन रखा।

उपस्थित गणमान्य

कार्यक्रम में पूर्व एडीएम सुधांशु शेखर, उप विकास आयुक्त सुमित कुमार, अपर समाहर्ता नीरज कुमार, वरीय उप समाहर्ता शशि कुमार, प्राची कुमारी, कला एवं संस्कृति पदाधिकारी मृणाल रंजन, राज सिनेमा प्रबंधक रितेश कुमार सिंह, महादेव सिनेमा प्रबंधक शिवम् कुमार, नोनगढ़ मुखिया जुली कुमारी, ज़िला भाजपा अध्यक्ष दीपक कुमार सिंह, इम्पा सदस्य निशांत उज्ज्वल समेत कई गणमान्य उपस्थित रहे।

4 दिसंबर को प्रदर्शित होने वाली फ़िल्में

बहुरूपिया (वृत्तचित्र)
अंधाधुन (हिंदी फ़ीचर फ़िल्म)
• अजय ब्रह्मात्मज एवं रवि शेखर की मास्टर क्लास
क्रोसिंग बॉर्डर्स (लघु फ़िल्म)
आवर्तन (फ़ीचर फ़िल्म)
जूयें (लघु फ़िल्म)
सरदार पटेल (वृत्तचित्र)
मट्टो की साइकिल (फ़ीचर फ़िल्म)
मानसून वॉक (लघु फ़िल्म)
इरादा (फ़ीचर फ़िल्म)
स्वाहा (मगही फ़ीचर फ़िल्म)
लखीसराय म्यूज़ियम डिस्कवरी: ए ग्लिम्प्स ऑफ़ ग्लोरी (वृत्तचित्र)
भगवदाजुकम (संस्कृत फ़ीचर फ़िल्म)